दिलेर समाचार, एयर इंडिया के कर्मचारियों की एक यूनियन ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और उनसे उनकी नौकरियां बचाने की अपील की क्योंकि सरकार एयर इंडिया के निजीकरण की तैयारी में है. एयरलाइन के गैर तकनीकी स्टाफ का प्रतिनिधित्व करने वाली एयर इंडियाज एम्प्लॉयीज यूनियन ने परिवहन मंत्री गडकरी को ज्ञापन सौंपा और अपील की कि सरकार एयर इंडिया का ऋण माफ करे तथा वर्तमान प्रबंधन को कंपनी चलाने की अनुमति दी जाए. गडकरी केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा गठित मंत्रिसमूह का हिस्सा हैं जिसे एयर इंडिया के विनिवेश की रणनीति बनाने का काम दिया गया है.
इससे पहले, केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश के प्रस्ताव के विरोध में पिछले सप्ताह एयरलाइन के कर्मचारियों और सामाजिक कार्यकताओं ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था. संगठन ने सरकार से एयरलाइन को बेचने के प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया था.
गौरतलब है कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने 28 जून को एयर इंडिया तथा उसकी पांच अनुषंगी इकाइयों के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी. फिलहाल वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह विनिवेश के तौर-तरीकों पर विचार कर रहा है.
कुछ माह पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एयर इंडिया के निजीकरण के संबंध में कहा था कि एयरलाइंस की बाजार हिस्सेदारी मात्र 14 प्रतिशत है, ऐसे में करदाताओं के 55,000 से 60,000 करोड़ रुपये का उपयोग कितना जायज है? उन्होंने कहा था सरकार को 15 साल पहले एयर इंडिया को बेच देना चाहिए था.
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