दिलेर समाचार, नई दिल्ली: सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया के विनिवेश को लेकर प्रतिबद्ध है और एयरलाइन के दक्ष तरीके से परिचालन को प्रबंधन द्वारा योजना तैयार की जा रही है. नागर विमानन मंत्रालय ने यह बात कही. कुछ सप्ताह पहले एयरलाइन की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए कोई बोली नहीं मिली थी , जिसके बाद मंत्रालय का यह बयान आया है.
नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि एयर इंडिया के लिए भविष्य का कोई कदम एयरलाइन के सर्वश्रेष्ठ हितों को ध्यान में रखकर उठाया जाएगा. प्रभु ने कहा कि भारी कर्ज के बोझ सहित कई मुद्दे एयरलाइन को विरासत में मिले हैं. नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश को प्रतिबद्ध है. इसका तौर तरीका क्या होगा , क्या परिस्थितियां होंगी , आगे चलकर हम उसकी निगरानी और आकलन करेंगे.
इससे पहले मंगलवार को एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था कि सकार ने एयर इंडिया में बहुलांश हिस्सेदारी बेचने की योजना अब छोड़ दी है क्योंकि चुनावी वर्ष में घाटे में चल रही एयरलाइन के निजीकरण के लिए यह सही समय नहीं है.
सिन्हा ने कहा कि एयर इंडिया की प्रस्तावित रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री के लिए कोई बोली नहीं मिलने के बाद एयरलाइन का निदेशक मंडल एक योजना पर काम कर रहा है और स्थिति की समीक्षा की जा रही है.
एयरलाइन में और पूंजी डालने के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि सरकार एयर इंडिया को समर्थन देने और मजबूत करने पर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया की जो भी वित्तीय जरूरतें हैं , हम पहले की तरह उसे समर्थन देने को प्रतिबद्ध हैं.
सिन्हा ने कहा कि एयर इंडिया का शानदार तरीके से पुनरोद्धार हुआ है और यह परिचालन लाभ कमा रही है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसाार मई में एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 12.8 प्रतिशत थी.
दोनों मंत्री पिछले चार साल के दौरान नागर विमानन मंत्रालय की उपलब्धियों पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. हालांकि सिन्हा ने कहा कि एयरलाइन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है. प्रस्तावित योजना के तहत सरकार का इरादा एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और कम लागत वाली इकाई एयर इंडिया की शतप्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि . में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का इरादा था. ‘
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