दिलेर समाचार, कोलकाता: केंद्र की ओर से पश्चिम बंगाल का नाम बदलने के राज्य सरकार के अंतिम प्रस्ताव को खारिज करने के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने एक और प्रस्ताव भेजने का फैसला किया है.राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल का नाम बदलने के हमारे प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा ठुकरा दिए जाने के बाद, शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया कि सभी तीनों भाषाओं- बांग्ला, हिंदी और अंग्रेजी में बांग्ला नाम करने का एक और प्रस्ताव भेजा जाए.’’ केंद्र ने इससे पहले पश्चिम बंगाल का नाम अंग्रेजी में ‘बंगाल’, बंगाली में ‘बांग्ला’ करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
वर्ष 2011 में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार के ‘पश्चिम बंग’ नाम रखने का प्रस्ताव केंद्र की ओर से ठुकराए जाने के बाद ‘बंगाल’ नाम रखने का फैसला किया था. पश्चिम बंगाल का नाम बदलने की महत्वपूर्ण वजह यह है कि सभी राज्यों की जहां भी बैठक होती है वहां पश्चिम बंगाल को वर्णमाला क्रम के हिसाब से अंतिम में जगह मिलती है.
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