दिलेर समाचार, नई दिल्ली। 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर मामले में बड़ी सफलता मिली है। दुबई की एक अदालत ने इस विवादित सौदे में कथित ब्रिटिश बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को प्रत्यर्पित करने का आदेश दे दिया है। अदालत के इस फैसले से मिशेल के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है।
लेकिन इस मामले में सवालों के घेरे में आती रही कांग्रेस की मुश्किलें अब काफी बढ़ जाएंगी। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को देर रात बताया कि कुछ समय पहले भारत ने इस खाड़ी देश से औपचारिक रूप से क्रिश्चियन मिशेल जेम्स (54) का प्रत्यर्पण कराने की औपचारिक अपील की थी।
भारत सरकार की यह अपील सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की गई आपराधिक जांच पर आधारित थी। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दुबई की अदालत का विस्तृत आदेश बुधवार को ही पता चल सकेगा। चूंकि पूरा फैसला अरबी भाषा में दिया गया था। इसलिए भारतीय प्रशासन की ओर से इस आदेश का अंग्रेजी में अनुवाद कराया जा रहा है।
मिशेल के प्रत्यर्पण के आदेश को सीबीआइ और ईडी के पक्ष में बड़ी सफलता माना जा रहा है। ईडी ने मिशेल के खिलाफ जून, 2016 में जारी अपने आरोप पत्र में कहा है कि उसे अगस्ता वेस्टलैंड मामले में 225 करोड़ रुपये की दलाली ली थी। आपको बता दें कि फरवरी 2017 में मिशेल को यूएई में गिरफ्तार कर लिया गया था।
मिशेल के वकील ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) उनके मुवक्किल पर दबाव बना रही है। हालांकि जांच एजेंसी ने इन आरोपों से साफ इन्कार किया था। सीबीआइ के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने जून में कहा था कि जांच एजेंसी ने अपना गुनाह कबूल कराने के लिए मिशेल को प्रभावित नहीं किया।
यूएई में भगोड़े के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही जारी थी। पिछले कुछ समय में भारतीय मीडिया ने मिशेल के कई इंटरव्यू लिए थे। लिहाजा, दोनों जांच एजेंसियां जांच को आगे बढ़ाने के लिए उसे अपनी गिरफ्त में लेना चाहती हैं।
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