दिलेर समाचार, नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों के देश से भाग जाने के बाद जागी सरकार भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश 2018 लेकर आई थी, जिससे कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सके.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को लोकसभा में यह विधेयक पेश किया. गोयल ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह एक सुलझा हुआ विधेयक है और इसे सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर लाया गया है. उन्होंने कहा कि बजट सत्र को विपक्षी दलों ने चलने नहीं दिया जिस वजह से यह बिल उस समय नहीं लाया जा सका. गोयल ने कहा कि सरकार का अध्यादेश लाने का मकसद यह संदेश देने के लिए था कि सरकार सख्त है और कालेधन पर प्रहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस कानून में यह प्रावधान किया गया है कि आर्थिक अपराध करने वाले भगोड़ों की देश के भीतर और बाहर सभी बेनामी संपत्तियां जब्त की जाएंगी.
गोयल ने कुछ सदस्यों की इस चिंता को खारिज किया कि कानून के प्रावधानों की वजह से निर्दोष लोग भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह कानून भगोड़ों के लिए है और अगर कोई व्यक्ति निर्दोष है तो उसे भागने की क्या जरूरत है और उसे तो खुद को कानून के हवाले करना चाहिए.
गौरतलब है कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे कारोबारियों के बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेने के बाद देश से फरार होने के बाद सरकार की बहुत किरकिरी हुई. इसके बाद सरकार ऐसे सभी मामलों को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाई.
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