दिलेर समाचार- कैराना से जीत कर तबस्सुम हसन यूपी से लोक सभा की पहली मुस्लिम सांसद बन गयी हैं. वे 2009 में भी बीएसपी की सांसद रह चुकी हैं. पिछले लोक सभा चुनाव में सभी मुस्लिम उम्मीदवार हार गए थे. समाजवादी पार्टी, बीएसपी, कांग्रेस और आरएलडी के किसी भी मुस्लिम नेता को जीत नसीब नहीं हुई थी.
यूपी में लोक सभा की 80 सीटें हैं. 2014 के चुनाव में बीजेपी को 71 सीटें मिली थीं और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल को दो सीटें मिली थीं. समाजवादी पार्टी के हिस्से में 5 और कांग्रेस को दो सीटों पर संतोष करना पड़ा था.
बीएसपी तो अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी. राष्ट्रीय लोक दल का भी यही हाल रहा. पार्टी के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह, उनके बेटे जयंत और बहू चारू चौधरी भी चुनाव हार गए थे.
अखिलेश यादव के कहने पर समाजवादी पार्टी की नेता तबस्सुम हसन को आरएलडी का उम्मीदवार बनाया गया. जाट और मुस्लिम वोटरों को साथ लाने के लिए ये प्रयोग किया गया. आयडिया अखिलेश यादव का था. वे खुद चुनाव प्रचार करने नहीं गए लेकिन समाजवादी पार्टी नेताओं की फ़ौज तबस्सुम के प्रचार में रात दिन जुटी रही.
मुज़फ्फरनगर दंगों के बाद से ही जाट और मुस्लिम समाज एक दूसरे के खिलाफ हो गए थे. इसीलिए तो पिछले चुनाव में आरएलडी खाता भी नहीं खोल पायी थी लेकिन इस बार पार्टी ने समाजवादी पार्टी के समर्थन से बाजी मार ही ली.
तबस्सुम अब यूपी से लोक सभा की इकलौती मुस्लिम सांसद बन गयी है. इससे पहले बीजेपी गोरखपुर और फूलपुर से लोक सभा का उप चुनाव भी हार चुकी है. सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे से गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशव मौर्या के इस्तीफे के बाद फूलपुर में चुनाव हुआ था.
कांग्रेस से सोनिया और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी यूपी से लोक सभा के लिए चुने गए हैं. समाजवादी पार्टी के सभी पांच सांसद मुलायम सिंह और उनके परिवार के हैं. अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल कन्नौज से एमपी हैं.
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