दिलेर समाचार, बीजिंग। चीन बीफ, पोल्ट्री और पोर्क (सुअर का मांस) के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। लेकिन पिछले कुछ सालों से चीनी नागरिकों के खानपान की आदत में हो रहे बदलाव ने यहां के मीट कारोबारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं। चीनी अब मांसाहारी भोजन की तुलना में शाकाहार को अपना रहे हैं। सेहत के प्रति बढ़ती जागरुकता ने यहां के लोगों को स्वास्थ्यवर्धक भोजन की तरफ आकर्षित किया है। अब लोग हर तरह से मांस रहित, प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल आहार को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसकी वजह से मौजूदा समय में चीन में दुनिया की चालीस फीसद फलों और सब्जियों की खपत हो रही है।
बड़ी संख्या में लोगों के खानपान में आ रहे बदलाव ने चीन के रेस्तरां उद्योग को अपनी नीति बदलने को मजबूर कर दिया है। इसलिए यहां अधिक संख्या में शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां खुल रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में 2012 में 49 शाकाहारी रेस्तरां थे। इनकी संख्या बढ़कर अब सौ से ज्यादा हो गई है। एक शोध से पता चला है कि 2015 से 2020 के बीच चीन का शाकाहारी बाजार 17 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। चीन की एक वेबसाइट के मुताबिक 2014 में देश में 4.2 करोड़ टन पोर्क की खपत होती थी जो 2016 में घटकर करीब चार करोड़ टन रह गई। एक शोध के अनुसार चीन का मीट उद्योग हर साल वातावरण में 15 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ता है।
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