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कांग्रेस ने CAG को लिखा खत, कही ये बात

Posted at: Feb 11 , 2019 by Dilersamachar 10148

दिलेर समाचार, नई दिल्ली। हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए कांग्रेस (Congress) ने रविवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि (CAG Rajiv Mehrishi) से अनुरोध किया कि वह 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के करार (Rafale Deal) की ऑडिट प्रक्रिया से खुद को अलग कर लें, क्योंकि तत्कालीन वित्त सचिव के तौर पर वह इस वार्ता का हिस्सा थे. कांग्रेस ने यह भी कहा कि महर्षि द्वारा संसद में राफेल पर रिपोर्ट पेश करना अनुचित होगा. कांग्रेस ने कहा कि उसने उन्हें पत्र लिखकर स्वयं को आडिट प्रक्रिया से अलग करने का अनुरोध किया है. सोमवार को संसद में विवादित राफेल करार पर सीएजी रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है.

कांग्रेस ने पूर्व नौकरशाह को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 36 राफेल विमानों की खरीद में ‘राष्ट्रहित' एवं ‘राष्ट्रीय सुरक्षा' से समझौता किया है. पार्टी ने कहा कि सीएजी का संवैधानिक एवं वैधानिक कर्तव्य है कि वह राफेल करार सहित सभी रक्षा अनुबंधों का फॉरेंसिक ऑडिट करे. साथ ही कहा, ‘स्पष्ट तौर पर हितों के टकराव के कारण आपके द्वारा 36 राफेल विमान करार का ऑडिट करना सरासर अनुचित है... संवैधानिक, वैधानिक और नैतिक तौर पर आप ऑडिट करने या संसद के समक्ष रिपोर्ट पेश करने के योग्य नहीं हैं... हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप खुद को इससे अलग करें और सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करें कि ऑडिट शुरू कर आपने सरासर अनुचित किया है.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पत्रकारों को बताया कि महर्षि सोमवार को संसद में राफेल करार पर रिपोर्ट पेश कर सकते हैं. सिब्बल ने कहा कि महर्षि 24 अक्टूबर 2014 से लेकर 30 अगस्त 2015 तक वित्त सचिव थे और इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अप्रैल 2015 को पेरिस गए और राफेल करार पर दस्तखत की घोषणा की. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘...वित्त मंत्रालय इन वार्ताओं में अहम भूमिका निभाता है... अब स्पष्ट है कि राफेल करार राजीव महर्षि के इस कार्यकाल में हुआ. अब वह सीएजी के पद पर हैं. हमने 19 सितंबर 2018 और चार अक्टूबर 2018 को उनसे मुलाकात की. हमने उन्हें घोटाले के बारे में बताया. हमने उन्हें बताया कि करार की जांच होनी चाहिए क्योंकि यह भ्रष्ट तरीके से हुआ. लेकिन वह अपने ही खिलाफ कैसे जांच करा सकते हैं?'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सीएजी के सामने पेश की गई दलीलों में बताया था कि राफेल करार में कहां-कहां अनियमितताएं हुई हैं और इसमें कैसे भ्रष्टाचार हुआ है. सिब्बल ने कहा, ‘निश्चित तौर पर वह वित्त सचिव के तौर पर लिए गए फैसलों की जांच नहीं कर सकते. वह पहले खुद को और फिर अपनी सरकार को बचाएंगे. इससे बड़ा हितों का टकराव तो कुछ हो ही नहीं सकता.'

सिब्बल ने कहा कि वह लोगों को बताना चाहते हैं कि सरकार कैसे उन्हें अंधेरे में रख रही है और इस सरकार को कैसे बचाया जा रहा है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि देश को बचाने की बजाए वह प्रधानमंत्री का बचाव कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'इस देश में रक्षा मंत्री जो कि देश की रक्षा के लिए जिम्मेदार होता है वह बस प्रधानमंत्री का बचाव कर रहा है. वे कह रहे हैं कि सब ठीक हुआ, बाकी सब झूठे हैं, बात का बतंगड़ बना रहे हैं.'

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