दिलेर समाचार, पटना: बिहार में निजी अस्पताल और अपना नर्सिंग होम चलाने वालों के लिए ख़ुशख़बरी हैं .अब अगर किसी मरीज़ की इलाज के दौरान मौत हो जाये और परिवार वाले लापरवाही की शिकायत लेकर पुलिस के पास जाएंगे तो केस में तत्काल गिरफ़्तारी किसी थाने का पुलिस अधिकारी नहीं कर सकता. बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान एवं व्यक्ति सुरक्षा नियमवाली को मंज़ूरी दी .जिसके बाद हर जिले के ज़िला अधिकारी और एसपी को सरकारी अस्पताल और निजी अस्पताल की सुरक्षा ऑडिट करानी होगी. इसके अलावा इस लिस्ट में निजी नर्सिंग होम भी शामिल हैं .सबसे पहले सभी जगह सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा.
उसके बाद हर जगह दो तरह के फ़ॉर्म होंगे. फ़ॉर्म एक वो होगा जहां निजी अस्पताल के लोग किसी के ख़िलाफ़ शिकायत कर सकेंगे और दूसरे फार्म में कोई भी पीड़ित व्यक्ति किसी अस्पताल के ख़िलाफ़ शिकायत करा सकता हैं. और ये सारे फ़ॉर्म जिला अधिकारी और एसपी की संयुक्त समिति एक कमिटी का गठन कर उसकी जांच करा के कोई कारवाई करेंगे.फ़िलहाल नीतीश सरकार के इस निर्णय से राज्य के चिकित्सकों को काफ़ी राहत मिलेगी जहाँ एक और मार पीट की घटना में कमी आयेगी. वहीं उन्हें किसी तरह के शिकायत पर जेल जाने का दर ख़त्म हो जायेगा .इससे स्थानीय थाने की भूमिका भी अस्पतालों के ऊपर कम होने की उम्मीद की जा रही हैं.
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