दिलेर समाचार, खेतों में अक्सर कीटों के हमले से परेशान रहने वाले किसानों को अब घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि अब ड्रोन के जरिए ये पता लगाया जा सकता है कि किस जगह कौन-सा कीट फसल को नुकसान पहुंचा रहा है, इसका पता लगाने का काम ड्रोन करेगा। चंडीगढ़ में आयोजित एग्रोटेक मेले में महाराष्ट्र से आए दो युवा आर्टिफिशल इंटेलीजेंस की तकनीक को प्रदर्शित कर रहे हैं।
हालांकि, यह तकनीक अभी पुरानी पीढ़ी के किसानों की समझ में नहीं आ रही है, लेकिन उनका मानना है कि जल्द ही इसकी सफलता की कहानियां उनके सामने होंगी। इनरॉन्स नामक कंपनी के युवा सीईओ प्रवीण प्रजापति ने बताया कि पंजाब के पटियाला जिले में हमने एक गांव में काम शुरू किया है। इस गांव की सौ एकड़ जमीन का सर्वे करने का काम हमने अपने हाथों में लिया है।
मुंबई से आए प्रवीण ने बताया कि ड्रोन के जरिए खेतों के 360 डिग्री एंगिल से फोटो लिए जाते हैं और उनका तकनीक के जरिए एनॉलिसिस किया जाता है। इससे पता चल जाता है कि खेत के किस हिस्से में फसल खराब हो रही है, सूख रही है या खाद आदि की कमी के कारण खत्म हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के सर्वे में हम फसल बोने से लेकर पकने तक की अवधि का पता लगाकर छह सर्वे करते हैं। अगर हम एक हजार एकड़ जमीन का सर्वे कर रहे हैं तो, इसका 80 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से खर्च आता है। उन्होंने माना कि यह किसानों के लिए महंगा होता है, लेकिन कोआप्रेटिव या कलेक्टिव तरीके से अगर ये सर्वे करवाए जाएं, तो सस्ते पड़ते हैं।
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