दिलेर समाचार, मिस्र के निवासियों द्वारा हजारों साल पहले विकसित नीला रंग छतों और दीवारों को ठंडा रख कर ऊर्जा दक्षता को बढ़ा सकता है और खिड़कियों के जरिए सौर ऊर्जा का उत्पादन भी संभव बना सकेगा।
जर्नल ऑफ एप्लायड फिजिक्स में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि कैल्सियम कॉपर सिलिकेट से बना मिस्र का यह नीला रंग प्राचीन मिस्र में ईश्वर और राजशाही को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता था।
इससे पहले हुए अध्ययनों में यह बात सामने आयी है कि मिस्र का यह नीला रंग दृश्य प्रकाश को सोखता है और इंफ्रारेड रेंज में प्रकाश उत्सर्जित करता है। अमेरिका के लॉरेंस बर्केली नेशनल लैबोरेटरी (बर्केली लैब) में काम कर रहे अनुसंधानकर्ताओं ने इसकी पुष्टि की है कि रंग में मौजूद प्रकाश पूर्वानुमान के मुकाबले 10 गुना ज्यादा मजबूत है।
मिस्र के नीले रंग और उससे जुड़े यौगिकों से पुते क्षेत्र पर सूर्य का प्रकाश पड़ने के बाद तापमान मापकर उसका विश्लेषण करने पर अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि नीला रंग जितने फोटॉन सोखता है उनकी करीब 100 प्रतिशत वह उत्सर्जित कर देता है।
उत्सर्जन के इसी उच्च दर के कारण यह ऊर्जा दक्ष है और इससे रंगी हुई छत या दीवारें अन्य के मुकाबले ठंडी रहती हैं।
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