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April 25 2024 07:58 PM

किसान फिर से आंदोलन पथ पर

Posted at: Jun 21 , 2018 by Dilersamachar 9579

रमेश ठाकुर

दिलेर समाचार, खेतीबाड़ी करना आज के समय में सबसे कठिन और घाटे का क्षेत्रा माना जाने लगा है। किसान परंपरागत किसानी छोड़ अब दूसरे धंधों में आ रहे हैं। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर करीब 187 किसान संगठनों ने एक मंच पर आकर सभी ने एक सुर में सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की। किसानों की मांगे जायज हैं। सालों से अपना हक मांग रहे हैं। पिछली सरकारों ने भी इनके साथ छल किया। 

दरअसल अब किसान फसलों की कीमतों के आंकलन के साथ वैध हक के तौर पर पूर्ण लाभकारी कीमतें और उत्पादन लागत पर कम से कम 50 फीसदी का लाभ अनुपात पाना चाहते है। उनकी मुख्य मांगों की बात करें तो वे फौरन व्यापक कर्ज माफी सहित कर्ज से आजादी चाहते हैं और कर्ज की समस्या के हल के लिए सांविधिक संस्थागत तंत्रा स्थापित किए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

आंदोलन के जरिए किसान प्रधानमंत्राी के उस वायदे को आधार बनाकर चल रहे हैं जो उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहे थे। प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि यदि वह चुने जाते हैं तो किसानों को अपनी फसलों के लिए अच्छी कीमतें मिलेंगी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। वर्तमान में लागत और आमदनी के बीच असंतुलन की वजह ईंधन, कीटनाशक, उर्वरक और यहां तक कि पानी सहित लागत की कीमतों में लगातार वृद्धि का होना है। इन चीजों का किसान सामना कर रहे हैं। किसान इन समस्याओं का समाधान चाहते हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पर रहा है। यही वजह है कि कीमतों में घोर अन्याय किसानों को कर्ज में धकेल रहा है। वे आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं और देश भर में बार-बार प्रदर्शन हो रहे हैं।

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