दिलेर समाचार, कार्तिक माह की प्रतिपदा को मनाया जाता है गोवर्धन पूजा। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोबर्धन बनाते हैं। गोवर्धन त्योहार को अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चनाऔर परिक्रमा कर छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है। गोवर्धन पूजा का श्रेष्ठ समय प्रदोष काल में माना गया है। पूजा आज रात 09 बजकर 07 मिनट तक की जा सकती है।
ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति दिखाते हुए विशाल काय गोवर्धन पर्वत को महज छोटी अंगुली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। मान्यता है कि इस दिन जो भी श्रद्धापूर्वक भगवान गोवर्धन की पूजा करता है,उसे सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
ऐसे होती है पूजा
गोबर्धन तैयार करने के बाद उसे फूलों से सजाया जाता है और शाम के समय इसकी पूजा की जाती है। पूजा में धूप, दीप, दूध नैवेद्य, जल, फल, खील, बताशे आदि का इस्तेमाल किया जाता है। कहा जाता है कि गोवर्धन पर्व के दिन मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन लोग घरों में प्रतीकात्मक तौर पर गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करते हैं और उसकी परिक्रमा करते हैं।
ये भी पढ़े: CG Election 2018: केवल 104 रुपए के साथ चुनावी दगंल में उतरे ये उम्मीदवार
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar