दिलेर समाचार,नई दिल्ली: जब पेट्रोल 85 रुपये पार हो गया और डीज़ल 75 के पार चला गया तब पेट्रोलियम मंत्री को जीएसटी की याद आई. अब उद्योग जगत भी पेट्रोल पदार्थों पर जीएसटी लगाने की मांग कर रहा है. इस बीच केंद्र सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि पांच साल में सरकार क़रीब 9 लाख करोड़ से ज्यादा की कमाई पेट्रोल-उत्पादों से कर चुकी है.
शुक्रवार को पेट्रोल परभणी में 87 रुपये 63 पैसे लीटर बिका. कई शहरों में 85 रुपये के आसपास रही कीमत. डीज़ल भी कई शहरों में 72 से 75 रुपये के आसपास बिकता रहा. लगातार बारहवें दिन तेल के दामों में इस बढ़ोतरी से परेशान उद्योग जगत सरकार से दख़ल देने की मांग कर रहा है. एसोचैम का कहना है, तेल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए. एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने एनडीटीवी से कहा, "सभी पेट्रोलियम पदार्थों को 28% के GST slab में शामिल किया जाना चाहिए...हमने सरकार से गुज़ारिश की है."
लेकिन सवाल है कि क्या राज्य सरकारें इसके लिए तैयार होंगी? आख़िर तेल से होने वाली बंपर कमाई कोई छोड़ने को तैयार नहीं है. इस साल 2 फरवरी को वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में तेल उत्पादों से हुई कमाई की जानकारी दी.
पेट्रोलियम उत्पादों से कमाई
2013-14 में 88,600 करोड़ रुपये
2014-15 में 105,653 करोड़
2015-16 में 185,958 करोड़
2016-17 में 253,254 करोड़
2017-18 (दिसंबर तक) 201,592 करोड़.
कुल 8,35,057 करोड़ रुपये की कमाई 5 साल में सरकार को हुई. इस कमाई में एक साल यूपीए सरकार का भी है. यूपीए के कार्यकाल के आखिरी महीने अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी 9.48 रुपये थी जो 25 मई 2018 को बढ़कर 19.48 पैसे हो गई.
साफ है, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों को लेकर अनिश्चित्ता बनी हुई है...और हर रोज़ सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर रही हैं...अब देखना होगा कि सरकार कितनी जल्दी आम लोगों को राहत देने के लिए हस्तक्षेप करती है
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar