दिलेर समाचार, पुणे की एक महिला को लगभग तीन साल पहले HIV+ve होने पर उसकी कंपनी ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन आखिरकार लेबर कोर्ट ने कंपनी को उसे बहाल करने और अनुपस्थिति अवधि के लिए वेतन प्रदान करने का आदेश दिया है।
यह मामला साल 2015 में शुरू हुआ था जब एक संबंधित फार्मा कंपनी ने अपनी महिला कर्मचारी को तब नौकरी से निकाल दिया जब उसने लाभ का दावा करने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट सबमिट किए थे। रिपोर्ट में बताया गया था कि महिला को HIV डायग्नोस हुआ है। इसके बाद कंपनी ने उसे आधे घंटे के अंदर इस्तीफा देने के लिए कहा था।
महिला के मुताबिक, 'मुझे मेडिकल क्लेम के लिए डॉक्यूमेंट सबमिट करने के लिए कहा गया था और मैंने जब ये किया तो उन्होंने मुझे HIV के बारे में पूछा। मैंने कहा कि मुझे यह बीमारी पति से मिली है और उन्होंने मुझे 30 मिनट में इस्तीफा देने को कहा। मैंने वहां पांच साल से ट्रेनी ऑपरेटर बतौर काम कर रही थी।'
पति की बीमारी से मौत हो गई थी। महिला को भी इंफेक्शन होने से ससुरालवालों ने बहिष्कार कर दिया था।
महिला ने आगे दावा किया कि कंपनी के अधिकारियों ने मौखिक रूप से उन्हें सूचित किया था कि उनके हटाने का कारण एचआईवी संक्रमण था। दस्तावेजों में कंपनी ने उन्हें स्पष्ट रूप से अनुपस्थिति के कारण हटाने की बात लिखी थी।
सोमवार को पुणे कोर्ट ने घोषणा की कि HIV पॉजिटिव होने पर किसी कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता है।
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