दिलेर समाचार,अक्सर लोग रात को सोते समय बोलते हैं और उन्हें पता भी नहीं होता कि वो नींद में ऐसा कर रहे थे। नींद में बातें करना आम समस्या है जो कि काफी लोगों को होती है अगर आपके दिमाग में भी ये सवाल है कि रात को आप अक्सर नींद में बड़बड़ाते क्यों हैं तो आपको इससे जुड़ी कुछ बातें जानना जरूरी है।
क्या है नींद में बात करना: नींद में बात करना एक प्रकार का स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति नींद में बड़बड़ता रहता है, लेकिन उसे इस चीज की कोई खबर नहीं होती। नींद में बात करना कॉन्शियस(सचेतन) माइंड का काम नहीं होता। ये लोग रात को नींद में खुद से ही बात कर रहे होते हैं ऐसे में बहुत बार ये समझना मुश्किल होता है कि ये क्या कहने की कोशिश कर रहे हैं।
कौन करते हैं नींद मे बातें:
सोते समय बात करना सामान्य घटना है, कुछ लोग बहुत कम बोलते हैं तो कुछ लोग नींद में खुद से बहुत ज्यादा बात करते हैं। 3 से 10 साल की उम्र के बच्चों में ये सामान्य होता है, वहीं लगभग 5 प्रतिशत वयस्कों में भी ये समस्या होती है जिसमें अधिकतर पुरुष होते हैं।
नींद में बात करने के कारण क्या है?
नींद में बात करना सामान्य है और ये शरीर के लिए हानिकारक नहीं होता लेकिन कुछ मामलों में ये स्लीप डिसऑर्डर जैसी बीमारी का भी संकेत होता है। नींद में बात करने के ये कुछ कारण हो सकते हैं।
• तनाव
• डिप्रेशन
• बुखार
• सुबह का आलस्य
• बुरा सपना
• मानसिक परेशानी
• मानसिक और मेडिकल बीमारी
क्या इसका इलाज संभव है?: नींद में बात करना हानिकारक नहीं है, लेकिन अगर ये दूसरों के लिए परेशानी बन रहा है तो आप किसी मनोरोग विशेषज्ञ से मिल सकते हैं। इसके साथ ही आप इन टिप्स की मदद से भी इस परेशानी से निजात पा सकते हैं।
• रात को सही समय पर सोने जाएं और सोने से पहले एक डायरी में अपने दिलो- दिमाग में आने वाली हर बात लिखें।
• पर्याप्त मात्रा में नींद ले, नींद में बोलने का मुख्य कारण नींद का पूरा ना होना भी होता है।
• सोने से पहले पूरी तरह से खुद को स्वच्छ रखें और कमरे का तापमान भी सही रखें जिससे पसीने और ठंड का सामना आपको ना करना पड़े।
नींद में बोलने की समस्या से कई लोग परेशान होते हैं, लेकिन ये आपके लिए हानिकारक नहीं होता। कुछ आसान उपाय अपना कर आप इससे बच सकते हैं। अगर ये स्थिति गंभीर हो तो आप चिकित्सक से भी परामर्श ले सकते हैं।
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