दिलेर समाचार, झाबुआ। जिला अस्पताल के शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में मंगलवार को कर्मचारियों की लापरवाही ने तीन परिवारों को दर्द दे दिया। एक दंपती, जिनकी बेटी एसएनसीयू में भर्ती थी, उन्हें किसी ने फोन किया कि बेटी की मौत हो गई है, शव ले जाएं। जब वे शव घर ले गए तो पता चला कि वह किसी बालक का है। इस पर परिवार ने अस्पताल पहुंच कर हंगामा खड़ा कर दिया।
अस्पताल प्रशासन ने मामले को ठंडा करने के लिए उनसे बालक का शव लिया और उन्हें जीवित बच्ची लौटा दी। चार घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। इस जद्दोजहद में सुबह दफनाए गए एक नवजात के शव को भी खोदकर निकालना पड़ा। आखिर में एक तीसरे परिवार से कहा गया, जो शव पहले दंपती को दिया था, वह उनके बेटे का था।
इस मामले में तीन परिवारों की भावनाओं से हद दर्जे का खिलवाड़ हुआ और जिम्मेदार यह कह कर बचने का प्रयास करते रहे कि पता लगाएंगे कि लापरवाही का जिम्मेदार कौन है। मामले में तेजी से आते रहे टिवस्ट की वजह से तीनों परिवार सांसे ऊपर-नीचे होती रही।
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