दिलेर समाचार, संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक बलों के लिये सदस्य राष्ट्रों द्वारा दी जाने वाली आर्थिक मदद के लिये अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित महत्वपूर्ण बदलावों पर भारत ने चिंता जताई है। उसने ऐसे किसी भी प्रयास पर एतराज जताया है जिनसे शांतिरक्षक बजट के लिये राष्ट्रों की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक सहायता की ऊपरी सीमा तय हो जाएगी।
महासभा की पांचवीं समिति (प्रशासनिक और बजटीय) के सत्र के दौरान अमेरिकी और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने इस तरह से महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत शांति मिशन के वित्त पोषण में हर सदस्य राष्ट्र के हिस्से का लेखा-जोखा रखा जाएगा। ।
इस मामले में अपनी सरकार के स्थिति स्पष्ट करते हुए अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय संगठन एक देश पर अपने एक चौथाई से ज्यादा संसाधनों के लिये निर्भर नहीं रहता। वर्ष 2018-19 के लिये 6.7 अरब अमेरिकी डॉलर के शांतिरक्षक बजट का 28.47 फीसदी वहन अमेरिका ने किया। ।
भारत ने प्रतिनिधियों द्वारा शांतिरक्षक पैमाने में अधिकतम सीमा का तत्व पेश करने के प्रयासों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव महेश कुमार ने बुधवार के सत्र में कहा, ‘‘शांतिरक्षक पैमाने में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की विशेष जिम्मेदारी परिलक्षित होनी चाहिए। शांतिरक्षक पैमाने पर विकासशील देशों के लिये कम प्रतिव्यक्ति आय पर आधारित रियायत की मौजूदा व्यवस्था को निश्चित रूप से जारी रखा जाना चाहिए।’’।
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