दिलेर समाचार, बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जहां दो मुख्य पार्टियां सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी अपनी-अपनी जीत और सत्ता हासिल करने के सपने देख रही हैं, वहां एक सीट ऐसी भी है जिस पर कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेता को पहले मुंह की खानी पड़ी है. कोराटगेरे निर्वाचन क्षेत्र, जहां चुनावी जंग हमेशा कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस)के बीच रही है और बीते पांच चुनावों में से चार बार जेडीएस ने कांग्रेस को पटखनी दी है. कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र संख्या-134 यानी कोराटगेरे निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यह तुमकुर जिले के अंतर्गत आता है. 2011 की जनगणना के अनुसार, कोराटेगेरे की जनसंख्या 15,265 थी. जिसमें 51 फीसदी पुरुष और 49 फीसदी महिला आबादी है. कोराटेगेरे की औसत साक्षरता दर 71 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत 59.5 फीसदी से अधिक है. निर्वाचन क्षेत्र में पुरुष साक्षरता 77 फीसदी और महिला साक्षरता 65 फीसदी है. कोराटेगेरे में 11 फीसदी आबादी छह साल की आयु से कम है.
कोराटगेरे में बहुत से मंदिर हैं, जहां देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग घूमने आते हैं. इन मंदिरों में सिद्धर बेटा, गोरवानाहल्ली देवी लक्ष्मी मंदिर, दोडाकाकायप्पा मंदिर-कुरमकोटे, गुंडांजनेय मंदिर आदि प्रमुख हैं. इसके अलावा वेंकटेश्वर मंदिर यहां एक और बड़ा ऐतिहासिक आकर्षण है. मंदिर में पारंपरिक वास्तुकला है और इसका इतिहास मौना भार्गव ऋषि से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने यहां तपस्या की थी. यहां सालाना 10-दिवसीय रथ त्योहार भी भक्तों को आकर्षित करता है. बात करें क्षेत्रीय राजनीति की तो इस सीट पर कांग्रेस और जेडीएस के बीच सीधी टक्कर रही है. पिछले 12 विधानसभा चुनावों में से छह में कांग्रेस तो जेडीएस ने चार चुनाव में जीत दर्ज की है. वहीं जेएनपी ने दो चुनावों में इस सीट पर अपना परचम लहराया है. बीते पांच विधानसभा चुनावों की तो चार चुनाव में जेडी-एस ने कांग्रेस को जबरदस्त तरीके से शिकस्त दी है. आलम यह है कि इस सीट पर खुद कांग्रस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. जी. परमेश्वरा 2013 विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देख चुके हैं.
कोराटगेरे निर्वाचन क्षेत्र पर जेडी-एस के विधायक पी. सुधाकर लाल का कब्जा है. सुधाकर लाल ने 2013 चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता परमेश्वरा को शिकस्त दी थी. पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर और वकील सुधाकर लाल 1989 में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के तुमकुर जिला अध्यक्ष चुने गए थे. वर्ष 2000 में उन्हें कोराटेगेरे के जिला परिषद सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया था. 2004 में वह के.एन. राजन्ना के साथ कांग्रेस का दामन छोड़कर जेडी-एस में शामिल हो गए थे. 2004 में उन्हें कोराटेगेरे जिला परिषद में जेडी-सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया था.
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