Logo
April 24 2024 12:36 AM

दांपत्य जीवन को बनाएं खुशहाल

Posted at: Feb 24 , 2018 by Dilersamachar 9869

पं. घनश्याम प्रसाद साहू

दिलेर समाचार, विवाह के पूर्व प्रत्येक युवती का सपना होता है कि उसका दांपत्य जीवन सुखद रहे और उसे प्यार और सम्मान देने वाला पति मिले। परिवार में सभी लोग चाहने वाले हों और उसकी बड़ाई हो। इसी प्रकार युवक चाहते हैं कि पत्नी सभ्य-सुशिक्षित और मधुर व्यवहार करने वाली हो। संयोग से ऐसा जीवन-साथी मिल जाय तो इसे सौभाग्य ही समझना चाहिए।

कदाचित् इच्छित घर-वर या पत्नी न मिल पाये तो अपने मधुर व्यवहार और समझदारी द्वारा एक दूसरे का दिल जीता जा सकता है और दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है।

सर्वप्रथम एक दूसरे का स्वभाव विचार और इच्छाओं व भावनाओं को जानना जरूरी है। इसके लिए विवाह के पहले या सुहागरात का अवसर बहुत बेहतर है। शारीरिक आकर्षण और विषय-सुख की ललक-लालसा में युवा-युवती यह न भूलें कि जीवन के संघर्षमय पथ में उन्हें काफी दूरी तय करनी है और एक-दूसरे को साथ लेकर चलना है।

इस संबंध में पत्नी का प्रथम अधिकार है कि वह अपनी भावनाएं व्यक्त करे। कारण स्पष्ट है-पहला तो यह कि वह अपने माता-पिता व परिवारी जनों को छोड़कर आती है, दूसरे ससुराल में पति के अलावा उसका हमदर्द कोई दूसरा नहीं होता। पति का कर्तव्य है कि वह पत्नी के शरीर-सुख, कपड़ा, श्रृंगार प्रसाधन, गहने, धार्मिक रूचि, भोजन, मनोरंजन, पर्यटन और शिक्षा तथा अन्य इच्छाओं की पूर्ति करने में पूरी दिलचस्पी ले।

पारिवारिक परंपराओं और मान्यताओं के संबंध में पत्नी को पहले से जानकारी देनी चाहिए। यदि किसी कारणवश उससे भूल-चूक हो जाये तो चीखना-चिल्लाना ठीक नहीं। प्यार से समझा कर भविष्य के लिए तैयार कर लेना चाहिए।

खानपान के संबंध में सबकी रूचि अलग-अलग होती है। यदि पत्नी से कभी-कभार खाना बिगड़ जाये तो बर्दाश्त करना चाहिए।

पत्नी को पेंटिंग, कढ़ाई, रंगोली कविता-कहानी या नृत्य का शौक है तो उसे अवश्य पूरा करना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि वह पति के घर में कागज-कलम या सुई-धागे के लिए तरस जाये।

घूमने के लिए कहीं जायें तो पत्नी को भी साथ ले जायें लेकिन जहां सिर्फ पुरूषों का जमावड़ा हो या शराब-जुए का अड्डा हो, वहां भूलकर भी पत्नी को न ले जायंे।

इस प्रकार पत्नी सदैव खुश रहेगी और पति को जीवनभर प्यार करेगी।

जैसे पति अपनी पत्नी को सुखी और प्रसन्न रखने का प्रयास करता है उसी तरह पत्नी को भी पति के विचारों और इच्छाओं के अनुरूप स्वयं को ढालना चाहिए। पति की सेवा, सम्मान और प्यार में कमी नहीं करनी चाहिए। अनाप-शनाप खर्च करके या ऊंची व महंगी वस्तु की मांग करके पति को कंगाल न बनायें। पति की इच्छा के विरूद्ध अकेले पार्टी या अन्यत्रा कहीं न जायें। पड़ोसियों से ज्यादा नजदीकी न बनायें।

पति-पत्नी को न तो एक-दूसरे की बुराई करनी चाहिए और न ही लोगों के बीच में अपमान करना चाहिए। इसी प्रकार एक दूसरे के परिवार के विरूद्ध उल्टा-सीधा व्यंग्य या अपमानजनक बातें भी नहीं कहनी चाहिए।

परस्पर प्रेम और मित्रातापूर्ण व्यवहार से आपका दांपत्य जीवन खुशहाल बन सकता है। 

ये भी पढ़े: मुख्य सचिव मारपीट मामला : मंत्री राजेंद्र गौतम ने की नरेश बाल्यान के बयान की निंदा

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED