दिलेर समाचार , अभी महागठबंधन के घटक दल ढंग से बैठे भी नहीं हैं कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समां बांधने लगे हैं। महागठबंधन के सीट शेयरिंग फॉर्मूला में उनके सम्मान का पेंच फंसता दिख रहा है। इसके लिए उन्होंने दबाव की राजनीति शुरू कर दी है। जीतनराम मांझी ने राज्य के दो गठबंधनों महागठबंधन व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बारे में बताया-एक नागराज, दूसरा-सांपराज। उनकी पार्टी के नेता वृशिण पटेल ने कहा कि सम्मानजक सीटें मिलेंगी, तभी चुनाव लडेंग़े। हालांकि अगले ही दिन मांझी ने नरम रुख अख्यितार किया और कहा कि महागठबंधन में ही रहेंगे, रोटी बांटकर खाएंगे। मांझी व उनकी पार्टी के नेताओं के ऐसे बदलते बयान अधिक सीटों के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स के रूप में देखे जा रहे हैं। हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र कहते हैं कि महागठबंधन में सब ठीक है। मांझी जी शीर्ष नेतृत्व के अंग हैं। एक बार सब नेता बैठेंगे तो सीट शेयरिंग का सम्मानजनक फार्मूला तैयार हो जाएगा। विवाद की दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं है।
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