दिलेर समाचार, नई दिल्ली: एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का मन बना लिया है. एनडीए के दलित और आदिवासी सांसदों की मांग पर आज केंद्र सरकार ने ऐलान कर दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार अर्जी दाखिल करेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद न सिर्फ कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां नाराज थीं, बल्कि एनडीए और बीजेपी के भी कई नेता इस बात से नाराज थे और लगातार सरकार पर इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग कर रहे थे. यही वजह है कि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करने के तैयार हो गई है.
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने एनडीटीवी से कहा कि विधि मंत्रालय की राय के बाद ही यह फैसला हुआ है. उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रालयों के सचिव बैठक कर इस याचिका का मसौदा तैयार करेंगे.
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, अगले हफ्ते तक केंद्र सरकार याचिका दायर कर सकती है. बता दें कि बुधवार को एनडीए के एससी-एसटी सांसदों ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने जब फैसला सुनाया था तब इस फैसले पर कांग्रेस ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी और इसके लिए केंद्र सरकार पर कांग्रेस ने निशाना साधा था. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस ने कहा था कि मोदी सरकार दलितों को कमजोर कर रही है और इस कानून को कमजोर कर दलितों के साथ अन्याय कर रही है. सबसे पहले कांग्रेस ने ही सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की थी.
- आरोपों पर तुरंत गिरफ़्तारी नहीं
- पहले आरोपों की जांच ज़रूरी
- केस दर्ज करने से पहले जांच
- DSP स्तर का अधिकारी जांच करेगा
- गिरफ़्तारी से पहले ज़मानत संभव
- अग्रिम ज़मानत भी मिल सकेगी
- सरकारी अफ़सरों को बड़ी राहत
- सीनियर अफ़सर की इजाज़त के बाद ही गिरफ़्तारी
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