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एजेंसी ने उम्मी द जताई है कि अगले दशक में यह ट्रेंड बना रहेगा और इससे भारतीय इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी.मॉर्गन स्टैमनली को उम्मीेद है कि भारतीय अर्थव्यदवस्थाे की रफ्तार बढ़ाने में डिजिटलीकरण सबसे बड़ा भागीदार बनेगा. इससे जीडीपी ग्रोथ को 50-75 बीपीएस का सहयोग मिल सकता है. फर्म ने उम्मीतद जताई है कि 2027 तक भारत की जीडीपी 390 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी. इसके साथ ही भारत को उच्चद मध्येम आय का स्टेबटस भी मिल जाएगा.फर्म ने एक रिसर्च नोट में कहा कि हमारा अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यकवस्थाद की असल और सांकेतिक जीडीपी सालाना क्रमश: 7.1 फीसदी और 11.2 फीसदी हो
कुछ बदलावों की वजह से अर्थव्य वस्थार में हलचल हुई है. इसकी वजह से विकास दर धीमी हुई है.रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत का शेयर बाजार भी अगले 10 सालों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला बन सकता है. इससे भारतीय बाजार की मार्केट कैप बढ़कर 6 खरब डॉलर अर्थात 390 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी.
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