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जेडीयू अध्यक्ष पद से हटाए गए नीतीश, महागठबंधन तोड़ने का फैसला भी रद्द

Posted at: Sep 18 , 2017 by Dilersamachar 9713

दिलेर समाचार, जेडीयू के शरद यादव गुट ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया. जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश को अध्यक्ष पद से हटाकर गुजरात से पार्टी विधायक छोटू भाई वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का फैसला लिया गया.

जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में जदयू नेता अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नीतीश को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने सहित पिछले साल 23 अप्रैल को हुई कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए सभी फैसलों को रद्द कर दिया गया है. कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता पार्टी उपाध्यक्ष के राजशेखरन ने की.

नीतीश द्वारा लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए अनुशासन समिति गठित

श्रीवास्तव ने बताया कि नीतीश गुट द्वारा लिए गए पार्टी विरोधी फैसलों की समीक्षा के लिए अनुशासन समिति का भी गठन किया गया है. तीन सदस्यीय इस समिति की अध्यक्षता श्रीवास्तव को ही दी गई है.

महागठबंधन तोड़ बीजेपी से गठबंधन का फैसला भी रद्द

कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार गुट द्वारा लिए गए सभी फैसलों को भी रद्द कर दिया गया, जिसमें महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ गठजोड़ करने का फैसला भी शामिल है. श्रीवास्तव ने कहा कि बैठक में देशभर से जुटे जेडीयू नेताओं ने नीतीश गुट द्वारा बीजेपी से गठजोड़ करने को जनादेश का अपमान बताते हुए इस फैसले को रद्द कर दिया है.

पलट दिए गए नीतीश के फैसले

बैठक में पार्टी नेता जावेद रजा ने संगठन संबंधी प्रस्ताव में नीतीश द्वारा अनिल हेगड़े को पार्टी का चुनाव अधिकारी बनाए जाने का फैसला रद्द करने का प्रस्ताव रखा. जावेद रजा के इस प्रस्ताव को स्वकार कर लिया गया, इस तरह हेगड़े पार्टी चुनाव अधिकारी पद से हटा दिए गए. इसके साथ ही हेगड़े द्वारा पदाधिकारियों की नियुक्तियों से संबंधित सभी फैसले भी स्वतः ही रद्द हो गए. इसके अलावा नीतीश खेमे द्वारा पार्टी से निकाले गए प्रदेश अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को उनके पद पर बहाल कर दिया गया.

शरद गुट ही वास्तविक जेडीयू का दावा

श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में पार्टी की दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित 19 राज्य इकाइयों के अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. साथ ही उन्होंने दावा किया कि शरद गुट ही वास्तविक जेडीयू है.

शरद को महागठबंधन बहाल करने की जिम्मेदारी

जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को महागठबंधन बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. श्रीवास्तव ने शरद यादव की भविष्य की भूमिका के सवाल पर बताया कि उन्हें समाजवादी विचारधारा वाले दलों को साझी विरासत अभियान के माध्यम से एक मंच पर लाने और महागठबंधन को प्रभावी स्वरूप में गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

चुनाव चिह्न के फैसले के लिए चुनाव विवाद समिति गठित

कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के चुनाव चिह्न सहित अन्य मामलों से जुड़े विवादों पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिए जेडीयू महासचिव जावेद रजा की अध्यक्षता में चुनाव विवाद समिति गठित की गई है.

श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकारिणी में लिए गए फैसलों की मंजूरी के लिए 8 अक्टूबर को दिल्ली में राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है. नीतीश सहित अन्य नेताओं के फैसलों को अनुशासनहीनता के दायरे में लाने के बारे में समिति की सिफारिशों पर अमल का फैसला राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किया जाएगा. श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकारिणी में पारित एक अन्य प्रस्ताव में संगठन की चुनाव प्रक्रिया अगले छह महीने में पूरा करने का फैसला किया गया. नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष वसावा से अगले साल मार्च तक संगठनात्मक चुनाव संपन्न कराने को भी कहा गया है.

बैठक में शरद यादव के अलावा, पूर्व मंत्री रमई राम, राज्य सभा सदस्य अली अनवर, पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा, पूर्व विधायक परवीन अमानुल्ला, सरोज बच्चन और उदय मांझी भी मौजूद रहे.

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