दिलेर समाचार, सीमा पासी , बिल गेट्स ने अब बर्कशाईर हैथवे के संस्थापक वारेन बुफे के साथ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा कल्याणकारी कोष स्थापित किया है। दोनों उद्योगपतियों ने अपनी आधी से ज्यादा सम्पत्ति दुनिया के जरूरतमंदों के नाम कर दी है। बिल गेट्स कहते हैं, ‘हमें यह जान कर दुःख होता है कि अभी भी दुनिया के कई मुल्कों में बेहद गरीबी है। लोगों के पास दवा के पैसे नहीं हैं, पीने को साफ पानी नहीं है। मैं अकेले तो कुछ नहीं बदल सकता लेकिन जितना सामर्थ्य है उतना समाज के लिए जरूर करूँगा।’
लेकिन अपने देश का हाल देखिये। यहाँ क्या उद्योगपति, क्या नेता...यहाँ तो योग पुरुष से लेकर प्रवचन वाले बापू और कथा वाचक से लेकर शनि महाराज के साधक तक, पूरी सनातनी जमात ही संपत्ति हड़पने से लेकर बलात्कार करने तक में कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
उधर बाबा नीम करोली के दर्शन कर स्टीव जाब्स, मार्क जकरबर्ग या बिल गेट्स दुनिया बदल रहे हैं।
क्या कहें ? क्या न कहें ?
एक तरफ अमेरिका के गेट्स है तो दूसरी तरफ हमारे गेट्स।
अरे अम्बानी जी, चैनल दर चैनल खरीदना छोडि़ये। पहले सस्ती दवा की दुकानें, सस्ते अस्पताल, सस्ती सराये खोलिये।
अपनी 2600 अरब रूपए की संपत्ति में कुछ तो दीजिये इस देश की गरीब जनता को।
आपसे अच्छे तो अग्रवाल धर्मशाला वाले पुराने जमाने के लाला थे।
हर कसबे , हर शहर को ठहरने की सस्ती जगह तो दान कर गए।
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