दिलेर समाचार, नई दिल्ली। सरकार अगले साल जून से भूजल के दोहन पर शुल्क वसूल करेगी। इसका उद्देश्य उद्योगों द्वारा भूजल का दुरुपयोग रोकने और देश में और सुदृढ़ भूजल नियामक तंत्र सुनिश्चित करना है। इस आशय की जानकारी गुरुवार को एक सरकारी विज्ञप्ति में दी गई है। इस कदम से पैकेज्ड पेयजल के सस्ता होने की उम्मीद है।
केंद्रीय भूजल प्राधिकार ने भूजल दोहन के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किया है। यह एक जून 2019 से प्रभावी होगा। संशोधित दिशानिर्देश का एक महत्वपूर्ण फीचर जल संरक्षण शुल्क (डब्ल्यूसीएफ) के विचार का शामिल होना है। इलाके की श्रेणी, उद्योग के प्रकार और भूजल दोहन की मात्रा के हिसाब से डब्ल्यूसीएफ भुगतान अलग-अलग होगा।
डब्ल्यूसीएफ की उच्च दर से अत्यधिक दोहन वाले और नाजुक क्षेत्रों में नए उद्योगों की स्थापना पर लगाम लगने की उम्मीद है। इसके साथ ही उद्योगों द्वारा खास तौर से अत्यधिक दोहन वाले और नाजुक क्षेत्रों में भूजल का बड़े पैमाने पर दोहन रुकेगा।
ये भी पढ़े: मप्र : 40 से ज्यादा यात्रियों से भरी बस नदी में गिरी
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar