दिलेर समाचार, हैदराबाद के रेनबो अस्पताल में पिछले दिनों एक बच्ची ने जन्म लिया। अस्पताल का दावा है कि ये बच्ची दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे छोटी बच्ची है। इस नन्हीं सी जान का नाम चेरी रखा गया है। मीडिया रिर्पोट के अनुसार जिस वक्त चेरी पैदा हुई तब उसका वजन कुल 375 ग्राम था जबकि सामान्य रूप से तुरंत जन्में बच्चे का वजन 2.5 किलो से 3.5 किलो के बीच होता है। बच्ची की प्री-मेच्योर डिलिवरी हुर्इ जब उसने 25वें हफ्ते में ही जन्म ले लिया था। उस समय उसकी लंबाई 20 सेंटीमीटर के करीब थी, यानी वो एक सामान्य इंसान की हथेली से बड़ी नहीं थी। जबकि आमतौर पर नवजात शिशु की औसत लंबाई 45 से 50 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए।
मुश्किल से बची जीवित
डाॅक्टरों का कहना है कि सामान्य तौर पर जन्म लेने वाले बच्चे गर्भधारण के 36वें से 40वें हफ्ते में पैदा होते हैं, इससे पहले पैदा होने वालों को प्री-मेच्योर बेबी माना जाता है। क्योंकि प्री-मेच्योर बच्चे पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं जिसके चलते उनके जीवित बचने की संभावना भी बेहद कम होती है। वहीं इस बच्ची का जन्म तो निश्चित अवधि से करीब चार महीने पहले हो गया था। एेसे में इसे बचाना तो आैर भी बड़ी चुनौती था। यही कारण है कि उसके जन्म के बाद अस्पताल ने चेरी के माता-पिता के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए जन्म का ऐलान किया। चिकित्सकों ने बताया कि चेरी इसीलिए खास थी क्योंकि एेसे 0.5 प्रतिशत ही बच्चे जीवित रह पाते है। उनको हमेशा इंफेक्शन आैर दूसरी कर्इ काम्प्लिकेशन पैदा होने का खतरा बना रहता है। फिल्हाल उसका वजन ढाई किलो हो गया है।
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