दिलेर समाचार, हजारीबाग। केरेडारी के सलगा जंगल से बड़कागांव के सिकरी जंगल तक तीन दिनों से डेरा जमाए हाथियों के झुंड ने बुधवार शाम प्रखंड के करीब आधा दर्जन गांवों में जमकर उत्पात मचाया।
सूचना मिलते ही सात-आठ युवक उन्हें भगाने लगे। इसी दौरान वे फोटो भी ले रहे थे। इससे हाथी और भड़क गए। सबसे पहले हाथियों का झुंड मिर्जापुर पहुंचा। यहां कई एकड़ में लगी फसल को बर्बाद कर दिया। हाथियों को भगा रहा एक युवक हबीब अंसारी (20 वर्ष) लघुशंका के लिए रुका तभी हाथियों ने उसे कुचल डाला।
घटना की सूचना मिलने पर हबीब की दादी सैफुन्निसा की मौत हृदयगति रुक जाने से हो गई। यहां तांडव मचाने के बाद हाथी सिमरातरी गांव जा पहुंचे, यहां भी कई घरों को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान तुलसी महतो (40) को पटक-पटक कर पार डाला। सिर को भी बुरी तरह कुचल दिया।
डर-सहमे ग्रामीण किसी तरह आग जलाकर हाथियों को गांव से बाहर भगाते रहे। इसी बीच हाथी डोकाटांड़ पहुंचे और लीलू साहू (42 वर्ष) को कुचल कर मार डाला। बताया जा रहा है कि लीलू ही हाथियों का फोटो ले रहा था। हाथी इतने गुस्से में थे कि शवों को उन्होंने छत-विक्षत कर दिया।
22 हाथियों के इस झुंड में चार बच्चे भी हैं। ग्रामीणों व वन विभाग के कर्मियों ने किसी तरह उन्हें बरवनिया होते हुए लुरुंगा के जंगल तक पहुंचा दिया है, अभी हाथी वहीं हैं। दूसरी ओर बड़कागांव के विभिन्न गांव में भय का माहौल है। जिला परिषद सदस्य संजीव कुमार बेदिया ने मृतकों के परिजनों को एक-एक नौकरी व 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
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