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राजस्थान : स्थगित हुआ गुर्जर आंदोलन, हुआ सरकार से समझौता

Posted at: May 20 , 2018 by Dilersamachar 10546

दिलेर समाचार, जयपुर। राज्य सरकार से समझौते के बाद राजस्थान में 23 मई से शुरू होने वाला गुर्जर आंदोलन स्थगित हो गया है। सरकार ने गुर्जर नेताओं को भरोसा दिलाया है कि ओबीसी के वर्गीकरण को लेकर रोहिणी कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य सरकार भी एक समिति गठित करेगी। यह कमेटी सिफारिशों पर फैसला लेगी।

राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रतिनिधि चार जून को रोहिणी कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर राजस्थान में ओबीसी जातियों के वर्गीकरण और उनके हालात को लेकर अपना पक्ष भी रखेंगे। गुर्जरों सहित पांच जातियों के उत्थान को लेकर सरकार नई योजनाएं बनाएगी। इसके लिए बजट को बढ़ाकर 1000 करोड़ कर दिया गया है।

राजस्थान सरकार और गुर्जर समाज के बीच शनिवार रात हुए समझौते के अनुसार मंत्रियों की समिति गुर्जर नेताओं के साथ प्रत्येक 15 दिन में बैठक करेगी। साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी मोहंती भी हर सप्ताह समझौते से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं के क्रियान्वयन को लेकर बैठक करेंगे।

तीन दौर की समझौता वार्ता के बाद संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ और गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिह बैंसला ने बताया कि सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच समझौता हो गया। आंदोलन स्थगित हो गया है।

चुनाव से पूर्व गुर्जर सहित अन्य चार जातियों को खुश करने के लिए वसुंधरा राजे सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही मोस्ट बैकवर्ड क्लास (एमबीसी) में अलग से एक फीसद आरक्षण दिया था। शेष चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ पहले की तरह ओबीसी कोटे में से जारी रखने की भी बात कही थी। लेकिन गुर्जर समाज इससे खुश नहीं था। गुर्जर समाज ओबीसी का वर्गीकरण करके ही 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि एक साल पहले वसुंधरा सरकार ने गुर्जर, रायका, रैबारी, गाडिया लुहार और बंजारा जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक विधानसभा में पारित कराया था। इसके बाद आरक्षण की कुल सीमा 54 प्रतिशत हो गई थी।

आरक्षण देने के कुछ दिन बाद ही मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया। हाई कोर्ट ने यह कहते हुए रोक लगा दी कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

इसके बाद गुर्जर समाज ने फिर आंदोलन की तैयारी की तो सरकार ने पांच जातियों को एमबीसी में एक प्रतिशत आरक्षण अलग से दे दिया, लेकिन गुर्जर समाज इससे खुश नहीं है। गुर्जर समाज ओबीसी का वर्गीकरण करते हुए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग की है।

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