Logo
March 29 2024 04:35 PM

रेड लाइट इलाके की महिलाओं के दिल का दर्द जानकर नम हो जाएगी आपकी आंखें

Posted at: Sep 17 , 2017 by Dilersamachar 9815

दिलेर समाचार,रेड लाइट एरिया में गुजर-बसर कर रही महिलाओं की जिंदगी आसान नहीं है. मजबूरी और गरीबी का दंश झेल रही महिलाएं अब अपनी बेटियों को दूसरी जिंदगी देना चाहती हैं, पर समाज में उनके लिये जगह नहीं. क्योंकि, उनकी स्वीकार्यता समाज में अब भी अासान नहीं है. 

मुजफ्फरपुर से आयी शन्नो कुछ इसी तरह से अपने दर्द को बयां करती दिखीं. मौका था एएन सिन्हा इंस्टटीच्यूट में शनिवार को एलायंस अगेंस्ट ह्यूमन ट्रैफिकिंग इन रेड लाइट एरिया (आहट) की ओर से आयोजित कार्यक्रम समागम का. इसमें 13 जिलों से आयी रेडलाइट एरिया की महिलाआें ने अपनी बात रखी. मुंगेर से अायी परिवर्तित नाम पूनम ने बताया कि वह अपनी बेटी को पढ़ाना चाहती है. 

पढ़ा भी रही है, पर इसके लिए उसे कई लोगों से मिन्नतें करनी पड़ती है. ताकि, उसकी पहचान को छुपाया जा सकें. पूनमऔर जूली अकेली नहीं, जो अब अपने बेटियों को इस काम में लाना नहीं चाहती है, पर उनकी मंजिल में कई समस्याएं बाधा बनी हुई है. जिससे वह अपनी बेटियों को पढ़ा नहीं पा रही है. 

विशेष समुदाय की महिला के रूप में मिले पहचान : बिहार राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष निशा झा ने रेड लाइट एरिया की महिलाअों को विशेष समुदाय की महिला के रूप में पहचान दिलाने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि समाज में यह भी एक समुदाय है, जिसे विशेष समुदाय के रूप में स्वीकार्य करना होगा. यदि हम इन महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं, तो हमें इनकी स्वीकार्यता को भी अपनाना होगा. उन्होंने सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाअों को उन तक पहुंचाने और उनके बच्चों को शिक्षित करने की बात कहीं.

ये भी पढ़े: सोमवार को होगी गूगल की पेमेंट सर्विस लांच

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED