दिलेर समाचार, नई दिल्ली। देश में चुनाव के बाद बूथ के आधार पर मतगणना के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि आखिर कानून में संशोधन कर बूथ के आधार की बजाए सारी EVM की एक साथ गिनती करने में क्या परेशानी है? सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा है.
वहीं केंद्र ने फिर दोहराया कि इस संबंधी में राजनीतिक दलों की मीटिंग हुई थी और इसमें इसका विरोध किया गया है. कोर्ट दो हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेगा. एक जनहित याचिका में कहा गया है कि फिलहाल मतगणनना के दौरान बूथ के आधार पर वोटों की गिनती होती है जिससे ये पता चल जाता है कि किस इलाके के लोगों ने किस प्रत्याशी को वोट दिए है. इससे जीतने वाला प्रत्याशी उस इलाके से भेदभाव करता है जहां के लोगों ने वोट नहीं मिले हैं. इसलिए वोटों की गिनती एक साथ होनी चाहिए. इस मामले में चुनाव आयोग ने दलील दी थी कि इसे लेकर केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा था कि वो इस नियम को लागू क्यों नहीं कर रही है.
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