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मंदी हुई औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार

Posted at: Nov 11 , 2017 by Dilersamachar 9682

दिलेर समाचार, नई दिल्ली। कंज्यूमर ड्यूरेबल उत्पादों में ग्राहकों की सुस्त मांग ने सितंबर 2017 में देश के कल कारखानों के प्रदर्शन की पूरी तस्वीर ही बिगाड़ दी है। अगस्त में रफ्तार पकड़ने के बाद सितंबर में कारखानों में उत्पादन बेहद धीमा रहा। इस महीने कारखानों के उत्पादन की वृद्धि दर 3.8 फीसद पर रह गई है।

बीते साल के इसी महीने में कारखानों का उत्पादन पांच फीसद की रफ्तार से बढ़ा था। यही नहीं अगस्त में भी औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि की दर 4.5 फीसद रही थी। धीमी रफ्तार के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 2.5 फीसद रह गई है। जबकि बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 5.8 फीसद रही थी।

औद्योगिक उत्पादन की धीमी रफ्तार के पीछे मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की सुस्ती मुख्य वजह रही है। इस क्षेत्र के उत्पादन में सितंबर 2017 में मात्र 3.4 फीसद की वृद्धि हुई है। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की औद्योगिक उत्पादन इंडेक्स में हिस्सेदारी 77.63 फीसद की है।

माना जा रहा है कि बाजार में मांग नहीं होने के चलते मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के उत्पादन में कमी दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर 1.9 फीसद पर सिमट गई है। इस महीने बिजली क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि की रफ्तार कम हुई है। यह बीते साल के इसी महीने के 5.1 फीसद से घटकर सितंबर 2017 में 3.4 फीसद रह गई है।

सरकार की तरफ से जारी औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के मुताबिक सबसे बुरा हाल कंज्यूमर ड्यूरेबल उत्पादों का रहा है। इन उत्पादों की मांग में कमी के चलते इस क्षेत्र के उत्पादन में 4.8 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि सितंबर 2016 में इस क्षेत्र का उत्पादन 10.3 फीसद की रफ्तार से बढ़ा था।

पहली छमाही में कंज्यूमर ड्यूरेबल क्षेत्र के उत्पादन ने 1.5 फीसद की कमी दर्ज की है। बीते साल इसकी वृद्धि की रफ्तार 6.9 फीसद रही थी। जहां तक उद्योग जगत के विभिन्न वर्गों का सवाल है आइआइपी के इंडेक्स में शामिल 23 उद्योग वर्गों में से मात्र 11 ने ही सकारात्मक वृद्धि दर हासिल की है।

जानकारों का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद अगस्त के आंकड़ों ने इसका असर कम होने की उम्मीद दिखायी थी। लेकिन सितंबर में यह रुख बना नहीं रह सका। माना जा रहा है कि जीएसटी का असर भी अभी बना हुआ है।

 

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