दिलेर समाचार, अमृतसर। बैसाखी मनाने पाकिस्तान गए भारतीय श्रद्धालुओं में शामिल रहे रइया के युवक अमरजीत सिंह के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके लौटकर न आने के लिए एसजीपीसी के नुमाइंदे जिम्मेदार हैं। उनकी लापरवाही से वह लौट नहीं पाया। दूसरी तरफ एसजीपीसी के पीआरओ दलजीत बेदी का कहना है कि दोनों देशों की सरकारों को अमरजीत को घर पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए।
निरंजनपुर गांव के अमरजीत के पिता राजिंदर सिंह, माता ज्ञान कौर और भाई प्रभजोत सिंह ने कहा कि उनके परिवार में अमरजीत ही कमाने वाला सदस्य था। वह एसजीपीसी के जत्थे के साथ गया था। उसे बापस पहुंचाने का जिम्मा कमेटी के नुमाइंदों का ही था।
लापता अमृतसर का अमरजीत सिंह (22) बैसाखी पर्व मनाने के लिए पाकिस्तान गए भारतीयों के जत्थे में शामिल था। शनिवार दोपहर को जब जत्था लौटा तो किसी ने इस पर गौर नहीं किया, लेकिन जब शाम तक नौजवान घर नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश शुरू हुई।
उसका पासपोर्ट लाहौर में मिलने की बात सामने आ रही है। सुरक्षा एजेंसियां भी चौकन्नी हो गई हैं। इसके अलावा होशियारपुर की किरन बाला भी वापस नहीं लौटी है। कहा जा रहा है कि कुछ दिन पहले उसने इस्लाम कबूल कर पाकिस्तान में दूसरी शादी कर ली है। महिला का एक वीडियो भी सामने आया था। बता दें कि 12 अप्रैल को 1794 श्रद्धालु पाकिस्तान गए थे।
अमृतसर के रइया निवासी अमरजीत के भाई प्रभजोत ने बताया कि वह उसका फोन भी बंद है। पाक गए जत्थे के प्रधान जत्थेदार स्वर्णसिंह गिल ने बताया कि जत्थे में एक सदिंग्ध तो दिखा था, लेकिन किसी ने गौर नहीं किया। शायद वह अमरजीत ही रहा हो।
देर शाम अफवाह फैली कि अमरजीत सड़क के रास्ते लौट आया। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने छानबीन शुरू कर दी। एजेंसियों के लोग अमरजीत के घर तक पहुंच गए। इधर जब कस्टम ने इसकी छानबीन की तो पता चला कि सड़क मार्ग से आने वाला अमरजीत कोई और है।
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