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दिलेर समाचार, अनिद्रा की समस्या के पीछे कई कारण जुड़े हैं जैसे दिमागी तनाव, चिंता आदि। अक्सर नींद न आने पर लोग नींद की गोलियों का सेवन करते हैं पर यह अनिद्रा का स्थायी उपचार नहीं, सिर्फ तात्कालिक समाधान है। जब व्यक्ति लंबे समय तक नींद की गोलियां लेता रहता है तो एक समय पश्चात् नींद की गोलियां भी अपना असर खोने लगती हैं और इन गोलियों की अधिक खुराक लेनी पड़ती है। कभी-कभी तो यह भी प्रभावकारी सिद्ध नहीं होती इसलिए बेहतर है कि आप निद्रा का स्थायी उपचार खोजें।
अच्छी नींद के लिए सबसे उपयोगी है नियमित दिनचर्या। समय पर सोएं, समय पर उठें। अनिद्रा को जन्म देने वाली आदतों को दूर करें। देर रात तक टी. वी. देखना आजकल एक फैशन और आदत बन चुकी है। यह आदत जब रूटीन बन जाती है तो देर रात तक भी आपको नींद नहीं आती। बिस्तर पर लेट तो जाते हैं पर करवटें बदलते रहते हैं। फिर देर रात जब आपको नींद आती है तो आप सुबह देर से जागते हैं।
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सुबह देर तक सोने की आदत तो बिलकुल नहीं डालनी चाहिए क्योंकि इससे अनिद्रा की समस्या को बढ़ावा मिलता है। अगर आप सुबह सही समय पर जाग जाते हैं तो अगली रात सही समय पर नींद आने की संभावना बढ़ जाती है।
अनिद्रा का एक प्रमुख कारण चिंता व तनाव भी है। थोड़ी-बहुत चिंता, तनाव हर किसी की जिंदगी में हैं पर अधिक चिंता, तनाव, शंकाएं व्यक्ति की नींद को उड़ा देती हैं। अक्सर देखा गया है कि महिलाएं अधिक चिंताओं व तनाव से घिरी रहती हैं और पुरूष कम, इसीलिए पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं को अनिद्रा का सामना अधिक करना पड़ता है। चिंता करते रहने से समस्याओं का समाधान नहीं होता, यह हम सभी जानते हैं इसलिए समस्याओं को निपटाने के लिए चिंता न करके उनका हल खोजें।
इसके अतिरिक्त एक अन्य काम करें। रात को सोने से पूर्व अपनी सभी परेशानियों व चिंताओं को लिख डालें। एक डायरी बनाएं और पहले अपनी चिंताओं को लिखें और फिर इनके समाधान के उपायों को और अपनी चिंताओं को कल पर छोड़कर अच्छी नींद लेने का प्रयत्न करें।
कई बार शोर-शराबा भी नींद न आने का कारण बन जाता है। पत्नी को जल्दी सोने की आदत है और पति देर रात तक टी. वी. देख रहे हैं। खुद तो अपनी नींद खराब कर रहे हैं, पत्नी की नींद में भी खलल डाल रहे हैं। इसलिए आपको अच्छी नींद के लिए थोड़े कड़े शब्दों का प्रयोग करना पड़ जाए तो करें और टी. वी. बंद करवा दें। वैसे तो बैडरूम में टी.वी. होना ही नहीं चाहिए। ड्रांइग रूम ही टी. वी की सही जगह है।
कई महिलाओं में यह भी आदत होती है कि घर-गृहस्थी के कामों को निपटाते-निपटाते ही आधी रात हो जाती है, भले ही इससे उन्हें कई स्वास्थ्यगत समस्याओं का सामना क्यों न करना पड़ जाए। अगर आप स्वस्थ हैं तो आपका घर परिवार खुशहाल है। अगर आप ही अस्वस्थ होंगी तो भला दूसरों के क्या काम आएंगी, इसलिए अच्छी नींद लें ताकि आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे और आप अपने परिवार की देखभाल भी अच्छी तरह कर सकें।
सोने से पूर्व हाथ पैर अच्छी तरह से धोएं तो भी अच्छी नींद आती है। अच्छी नींद के लिए हर मौसम में सदैव सूती चादरों का ही प्रयोग करें। यदि आप को किसी रात अच्छी नींद नहीं आई है तो दिन में बहुत अधिक मत सोइए या झपकी मत लीजिए। यदि रात में आपकी आंख खुल जाए तो बिस्तर पर लेटे-लेटे शरीर को ढीला छोड़ दीजिए और फिर सोने की कोशिश कीजिए। पढि़ए, संगीत सुनिए। जब धीरे-धीरे नींद आने लगे तो सो जाइए।
सोने के समय से कुछ समय पहले ही गरिष्ठ भोजन मत कीजिए। रात को हल्का भोजन लें। वैसे यह समझा जाता है कि शराब से अच्छी नींद आती है पर इस निद्रा से जल्द ही जाग पड़ने की संभावना रहती है। नशीली दवाओं से भी अल्पकालिक निद्रा आती है। शरीर को जब इन नशीली दवाओं की आदत पड़ जाती है तो इन्हें न खाने पर व्यक्ति शरीर में बेचैनी अनुभव करता है इसलिए शराब व नशीले पदार्थों का सेवन न करें। रात को सोने से पूर्व चॉकलेट, पनीर, कॉफी, चाय आदि भी न लें। ये भी नींद आने में बाधा डालते हैं।
यदि सोने के समय आप तनाव अनुभव कर रहे हैं तो आप अपने शरीर की मांसपेशियों को धीरे-धीरे तानें, फिर शरीर को ढीला छोड़ दीजिए। सोते समय मन शांत करने वाले विषयों के बारे में सोचें। भगवान का नाम लें। इससे भी मन शांत होता है।
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