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कर्नाटक की एक सीट सहित विधानसभा की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज

Posted at: May 31 , 2018 by Dilersamachar 9510

दिलेर समाचार- कर्नाटक विधानसभा की राजाराजेश्वरी नगर सीट सहित देश के कई राज्यों की विधानसभा की नौ सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे. मतगणना सुबह 8 बजे से शुरु होगी .कर्नाटक की राजाराजेश्वरी नगर सीट पर फर्जी वोटर कार्ड मिलकर के कारण मतदान रद्द हो गया था. इस सीट पर भी 28 मई को वोटिंग हुई थी.


 

किन विधानसभा सीटों के आएंगे नतीजे?


 

आज जिन विधानसभा सीटों हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित किए जाने हैं उनमें उत्तर प्रदेश की नूरपुर सीट, बिहार की जोकीहाट सीट, झारखंड की गोमिया और सिल्ली सीट, केरल की चेंगानूर सीट, मेघालय की अंपति सीट, पंजाब की शाहकोट सीट, उत्तराखंड की थराली सीट और पश्चिम बंगाल की मेहेशतला सीट शामिल हैं.


 

कर्नाटक की राजाराजेश्वरी नगर सीट पर सबकी नजरें


 

कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान फर्जी वोटिंग कार्ड मिलने की शिकायत के कारण राज्य की 224 सीटों के साथ 12 मई को इस सीट पर होने वाला मतदान स्थगित कर दिया गया था. कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है, लेकिन इस सीट पर कांग्रेस और जेडीएस आमने सामने हैं. जेडीएस से जीएस रामचंद्र, कांग्रेस से मुनीरत्ना और बीजेपी से मुनिराजू गौड़ा उम्मीदवार हैं.


 

कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटे हैं, लेकिन चुनाव में वोट 222 सीटों पर पड़े थे. राजराजेश्वरी नगर सीट और जयनगर सीट पर पर चुनाव स्थगित हो गए थे. इसमें जयनगर सीट पर चुनाव बीजेपी प्रत्याशी की मौत के कारण चुनाव स्थगित हुए थे, वहीं राजराजेश्वरी नगर सीट पर चुनाव फर्जी वोटिंग कार्ड मिलने की शिकायत के कारण टाल दिए गए थे. जयनगर सीट पर 11 जून को वोट डाले जाएंगे.


बाकी विधानसभा सीटों पर क्या है समीकरण?

नूरपुर- यूपी के बिजनौर जिले की नूरपुर विधानसभा सीट विधायक लोकेन्द्र सिंह की 21 फरवरी को लखनऊ आते समय एक सड़क दुर्घटना में मौत होने से सीट खाली हुई है.

 

जोकिहाट- बिहार में जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में मुख्य मुकाबला आरजेडी और जेडीयू के बीच माना जा रहा है. इस सीट पर जेडीयू को जहां अपनी सीट बचाने की चुनौती है, वहीं आरजेडी के लिए दिवंगत नेता तस्लीमुद्दीन के गढ़ को बचाने की चुनौती है. बिहार में सत्ताधारी जेडीयू के विधायक सरफराज आलम ने इस सीट से इस्तीफा देकर आरजेडी का दामन थाम लिया था और आरजेडी के टिकट पर अररिया के सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी.


 

इस सीट पर कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. इस सीट पर पिछले चार चुनावों से जेडीयू के प्रत्याशी विजयी होते आ रहे हैं, लेकिन यहां आरजेडी के वरिष्ठ नेता तस्लीमुद्दीन का मजबूत आधार रहा है. तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद खाली हुई अररिया सीट पर सरफराज के सांसद बन जाने के बाद जोकीहाट सीट खाली हो गई थी. आरजेडी ने तस्लीमुद्दीन के छोटे पुत्र शाहनवाज आलम को यहां से प्रत्याशी बनाया है, जबकि उनके सामने जेडीयू ने मुर्शीद आलम को उतारकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है.


 

गोमिया और सिल्ली- झारखंड की गोमिया और सिल्ली विधानसभा सीट के दोनों विधायकों को अलग-अलग मामलों में सजा होने की वजह से विधायकी से इस्तीफा देना पड़ा. जिससे अब इन सीट पर चुनाव होगा. गोमिया से विधायक योगेन्द्र प्रसाद को कोयला चोरी में दोषी पाया गया था. जिसमें अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी जबकि सिल्ली विधायक अमित महतो को सीओ के साथ मारपीट के मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें 2 साल के कारावास की सजा सुनाई गयी थी.


 

झारखंड के गोमिया विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिये 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जबकि झारखंड के ही सिल्ली विधानसभा सीट पर उपचुनाव में मुख्य मुकाबला पूर्व उप मुख्यमंत्री और एजेएसयू अध्यक्ष सुदेश महतो और सीमा महतो के बीच होगा. सीमा अयोग्य घोषित किये गये विधायक अमित महतो की पत्नी हैं.


 

शाहकोट- पंजाब के जालंधर जिले के शाहकोट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. इस सीट पर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के अलावा मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार जोर आजमाइश कर रहे हैं. पिछले साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार अजीत सिंह कोहाड़ ने कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंद्वी हरदेव सिंह लाडी ऊर्फ लाडी शेरोवालिया को हराया था.


 

इस साल फरवरी में वरिष्ठ शिरोमणि अकाली दल नेता और पंजाब सरकार में मंत्री रह चुके कोहाड़ का निधन हो गया. इस वजह से वहां उप चुनाव कराने की जरूरत पड़ी. कांग्रेस ने एक बार फिर लाडी को मैदान में उतारा है. वहीं शिअद कोहाड़ के बेटे नायब सिंह कोहाड़ को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी ने उप चुनाव के लिए रतन सिंह कक्कड़ कलां को मैदान में उतारा है. वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी.


 

महेश्ताला- पश्चिम बंगाल में महेश्ताला विधानसभा सीट के लिये टीएमसी ने दुलाल दास को उतारा है. उनकी पत्नी और विधायक कस्तूरी दास के निधन के चलते इस सीट पर उपचुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी. बीजेपी ने सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक सुजीत घोष को चुनाव में उतारा है जबकि वाम मोर्चे ने एक स्थानीय नागरिक प्रभात चौधरी को टिकट दिया है.


 

अम्पाती- मेघालय के अम्पाती सीट के लिये उपचुनाव में मुख्य मुकाबला कांगेस और बीजेपी समर्थित नेशनल पीपुल्स पार्टी के बीच होगा. इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं. मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के इस सीट को छोड़ने के कारण यहां उपचुनाव कराये जा रहे हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर मुकुल संगमा की बेटी मियानी डी शिरा को उतारा है जबकि सत्तारुढ़ मेघायल डेमोक्रेटिक गठबंधन ने क्लेमेंट जी मोमिन को उनके विरुद्ध खड़ा किया है.


 

पलुस-काडेगांव- महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पतंगराव कदम के निधन के कारण सांगली की पलुस-काडेगांव विधानसभा सीट भी खाली हुई है जिस वजह से चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस ने पतंगराव कदम के बेटे विश्वजीत कदम को टिकट दिया है. बीजेपी ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगी.


 

चेंगन्नूर- मध्य केरल में पड़ने वाली चेंगन्नूर विधानसभा सीट पर सीपीएम विधायक के के रामचंद्र के निधन की वजह से उपचुनाव हो रहा है. उनका इस साल जनवरी में बीमारी की वजह से निधन हो गया था. इस उपचुनाव के परिणाम को राज्य में पी विजयन नीत एलडीएफ सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के कामकाज पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जाएगा. मोदी सरकार के बने चार साल हो गए हैं.


 

कांग्रेस के लिए भी सीट को जीतना अहम है. यहां जीत का परचम लहराकर कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी सीपीएम से अपनी पारंपरिक सीट वापस छीन सकती है और आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भर सकती है. इस उपचुनाव की अहम बात यह भी है कि यहां एलडीएफ, यूडीएफ और एनडीए के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. केरल में दशकों से दो ध्रुवी राजनीति होती है.


 

सीपीएम ने पार्टी के अलाप्पुझा के जिला सचिव एस चेरियां को एलडीएफ उम्मीदवार के तौर पर उतारा है जबकि कांग्रेस नेता डी विजय कुमार यूडीएफ के उम्मीदवार है. वहीं बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उन्होंने 2016 के चुनाव में एलडीएफ और यूडीएफ को कड़ी टक्कर दी थी.

 
 

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