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दुनिया पर मंडरा रहा है 'थर्ड वर्ल्‍ड वार' का खतरा, क्‍या भारत रोक पाएगा ये 'महाविनाश'

Posted at: Aug 18 , 2017 by Dilersamachar 9694

दिलेर समाचार,नई दिल्‍ली- आज पूरी दुनिया बारूद के उस ढेर पर बैठी है, जहां पलभर में यह खाक हो सकती है। इसकी वजह यह है कि दुनिया में आज कई जगहों पर भीषण युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। इसमें भी एशिया में तो इस तरह के भीषण युद्ध की संभावनाएं काफी प्रबल हो रही हैं। एशिया पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि एक तरफ अफगानिस्‍तान, सऊदी अरब, सीरिया, इराक पहले ही युद्ध में उलझे हुए हैं। इसके अलावा यहां पर आपसी खींचतान भी कम नहीं हैं। दूसरी ओर भारत-चीन के बीच डोकलाम के मुद्दे पर तनाव इस कदर बढ़ चुका है कि किसी का भी कदम पीछे खींचना अपने-आप में बड़ी हार का सूचक होगा।

कुछ भी कह पाना मुश्किल

तीसरे मोर्चे पर उत्तर कोरिया और अमेरिका है, जहां पर आपसी तनाव कब युद्ध की शक्‍ल इख्तियार कर ले, इस बारे में कुछ भी कह पाना काफी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच उलझा 'साउथ चाइना सी' का मुद्दा भी कभी भी भीषण रुख इख्तियार कर सकता है। हालांकि कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने उत्तर कोरिया के साथ चल रहे तनाव को कम करने के लिए भारत को पहल करने को भी कहा है। उसका कहना है कि भारत इस संबंध में अहम भूमिका निभा सकता है।

मंडरा रहा महाविनाश का खतरा

मौजूदा समय में अमेरिका और उत्तर कोरिया के अलावा भारत और चीन के बीच भी युद्ध की आशंका बढ़ गई है। इन सभी में एक बात जो सभी में समान है और बेहद खतरनाक भी है, वह ये कि यह चारों ही देश परमाणु हथियार संपन्‍न हैं। ऐसे में यदि युद्ध हुआ तो महाविनाश को रोक पाना भी काफी मुश्किल हो जाएगा। तीसरे विश्‍व युद्ध को लेकर उठ रहे सवाल केवल को‍री कल्‍पना मात्र ही नहीं हैं। सोसायटी ऑफ द पॉलिसी रिसर्च के डायरेक्‍टर और रक्षा विशेषज्ञ (रिटायर्ड कोमोडोर) उदय भास्‍कर भी इस बात से पूरी तरह से इंकार नहीं करते हैं। बातचीत में उन्‍होंने तीसरे विश्‍व युद्ध की बात से पूरी तरह से इंकार नहीं किया है। हालांकि वह यह जरूर कहते हैं कि इसकी संभावना बेहद कम है कि उत्तर कोरिया के मुद्दे पर विश्‍व युद्ध छिड़ेगा।

उत्तर कोरिया की गुआम पर हमले की प्‍लानिंग

यहां पर यह भी ध्‍यान रखने की जरूरत है कि उत्तर कोरिया ने कुछ ही दिन पहले प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी टापू गुआम पर हमला करने का अपना प्‍लान सार्वजनिक किया था। इसके बाद अमेरिका ने भी उत्तर कोरिया को चेतावनी दी थी कि यदि वह इस तरह का कोई भी कदम उठाएगा तो इसके गंभीर परिणाम उसको भुगतने होंगे। गुआम पर उत्तर कोरिया की धमकी को उदय भास्‍कर भी काफी गंभीर मानते हैं। इस बारे में उनका कहना था कि बीते कुछ समय में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच गतिरोध काफी बढ़ गया है। दोनों ही तरफ से आक्रामक बयानबाजी की जा रही है। 

गुआम पर उत्तर कोरिया के हमले के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि वह ऐसा कर सकता है। यदि उत्तर कोरिया पर अमेरिका और उसके सहयोगियों ने हमले का दबाव बनाया तो वह गुआम पर हमला करने से पीछे नहीं हटेगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि यदि अमेरिका ने उत्तर कोरिया में सत्ता परिवर्तन करने के लिए कुछ भी किया तो भी वह गुआम पर हमले को अंजाम दे सकता है। उत्तर कोरिया से अमेरिका को खतरे के सवाल पर भास्‍कर ने साफतौर पर इंकार किया है। उनका कहना है कि फिलहाल उत्तर कोरिया से अमेरिकी मेनलैंड को कोई खतरा नहीं है। हालांकि गुआम इसका अपवाद हो सकता है।

एशिया में छिड़ सकती है लड़ाई

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच चल रही तनातनी और गुआम पर हमले की धमकी के बाद रूस ने भी अपने यहां पर मिसाइल डिफेंस को सतर्क कर दिया है। वहीं दूसरी ओर जापान ने भी उत्तर कोरिया द्वारा किए जाने वाले किसी भी तरह के संभावित खतरे को हवा में नष्‍ट कर देने की बात कही है। एक बयान में जापान की तरफ से कहा गया है कि यदि उत्तर कोरिया ने गुआम पर मिसाइल दागी तो वह उसको आकाश में ही नष्‍ट कर देगा। ऐसे में जापान जहां अमेरिका के साथ है, वहीं रूस कहीं न कहीं उत्तर कोरिया के प्रति नरम रुख अपनाता दिखाई दे रहा है। ऐसे में तीसरे युद्ध की तरफ जाते विश्‍व और उसकी चिंताओं पर उदय भास्‍कर का कहना था कि मौजूदा माहौल में एशिया में खासतौर पर इससे लड़ाई छिड़ने की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।

चीन तक भी जरूर पहुंचेगी युद्ध की आंच

हालांकि उन्‍होंने इस दौरान तीसरे विश्‍व युद्ध की आशंका को पूरी तरह से खारिज नहीं किया। उनका कहना था कि इसकी आशंका काफी कम है। उन्‍होंने यह भी माना कि यदि उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच युद्ध छिड़ा तो इसकी आंच चीन तक भी जरूर पहुंचेगी। आपको यहां पर याद दिलाना सही होगा कि दो दिन पहले ही चीन की सरकारी मीडिया ने इस बात को कहा था कि यदि अमेरिका ने उत्तर कोरिया में उसके प्रमुख किम जोंग उन को हटाने की कोश्‍ािश की तो वह चुप नहीं बैठेगा। चीन की सरकारी मीडिया में यह भी कहा गया था कि वह इस मामले में तटस्‍थ बना रहेगा और साथ ही मामले को सुलझाने की कोशिश करेगा। लेकिन यदि अमेरिका ने किसी तरह की कोई गलती की तो वह चुप नहीं बैठेगा।

उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच युद्ध की सूरत में रूस क्‍या रुख लेगा,  क्‍योंकि उसने अपने यहां पर मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को अलर्ट रखा है, इस पर  रक्षा विशेषज्ञ उदय भास्‍कर का कहना था कि ऐसे माैके पर रूस पूरी तरह से डिफेंसिव होगा। उन्‍होंने इस बात से भी इंकार किया कि ऐसे में वह उत्तर कोरिया का साथ देगा। इसके पीछे एक बड़ी वजह है कि रूस ने सिक्‍योरिटी काउंसिल में उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रस्‍ताव पास करने और प्रतिबंध लगाने के समर्थन में अपना मत दिया है। लिहाजा वह उत्तर कोरिया के साथ नहीं जाएगा।

भारत की क्‍या होगी भूमिका

यदि युद्ध होता है ऐसे में भारत की भूमिका क्‍या होगी। इस सवाल के जवाब में उनका कहना था कि भारत की भूमिका इस स्थिति में काफी सीमित होगी। क्‍योंकि भारत संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्‍य नहीं है। इसके अलावा यदि अमेरिका और उत्तर कोरिया में किसी तरह की युद्ध की स्थिति आती भी है तो भारत की अपनी सुरक्षा पर इसका सीधेतौर पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

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