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इसलिए नहीं करना चाहिए ग्रहण काल में भोजन

Posted at: Sep 22 , 2017 by Dilersamachar 9656

दिलेर समाचार, हमारे देश में बहुत सारी परम्पराए और मान्यताएं मानी जाती है कुछ लोग इन्हें बहुत ही ज्यादा मानते है। हमारे ऋषि-मुनियों और ज्योतिषों ने कुछ बात कही थी जिन्हें हम लोग आज भी मानते है उनमें से सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने के समय भोजन करने के लिए मन किया हैं। हम इसे मानते तो है लेकिन शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि ग्रहण के समय भोजन करना क्यों मना है। तो चलिए आज हम आपको बताते है कि ग्रहण के समय भोजन करना क्यों मना है।

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय भोजन इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि उनकी मान्यता थी की ग्रहण के दौरान खाद्य वस्तुओं, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु एकत्रित होकर उसे दूषित कर देते हैं।

इस लिए इनमे कुस ढाल दिया जाता हैं ताकि कीटाणु कुश में एकत्रित हो जाएं और उन्हें ग्रहण के बाद स्नान करके पवित्र होने के पश्चात ही भोजन करना चाहिए । ग्रहण के समय भोजन करने से सूक्ष्म कीटाणुओं के पेट में जाने से रोग होने की शंका रहती है इसी वजह से यह माना जाता है कि ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए।

अपने शोधों से वैज्ञानिक तरिन्स्टर ने यह पाया की ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति कम हो जाती हैं, जिस वजह से ग्रहण के समय किया गया भोजन अपच अजीर्ण आदि शिकायतें पैदा कर सकता हैं।

भारतीय धर्म- विज्ञानवेत्ताओं का मानना है की सूर्य और चन्द्रगर्हण लगने के 10 घंटे पूर्व से ही उसका कुप्रभाव शुरू हो जाता है । आपको शायद पता होगा कि अंतरिच्छीय प्रदूषण के इस समय को सूतक काल कहा जाता है।

ये भी पढ़े: जानिए घर में घटने वाले इन संकेतों से भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में

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