दिलेर समाचार, सुबह उठते समय ऐसा महसूस होता है जैसे उल्टी आ रही हो। सिर का भारी रहना, चक्कर आना आदि भी आम बातें हैं। इनसे निबटने के लिए प्रातः बेड से बाहर आने से पहले फल या बिस्कुट ले लें और एक-दम बिस्तर से बाहर न निकलें। रात्रि को बहुत पेट भर न खाएं। अगर रात्रि में भूख लगने लगे तो फल या बिस्कुट ले लें। प्रायः यह समस्या प्रारंभ के तीन-चार माह तक रहती है।
कब्ज
गर्भावस्था के दौरान कब्ज की शिकायत एक आम शिकायत है। इसके लिए खूब पानी पिएं, सूखे मेवों का सेवन करें, ताजे फल खाएं, और रेशेदार सब्जियां लें। इन सबके सेवन से कब्ज नहीं होती।
पीठ दर्द
अधिकतर महिलाओं को लोअर बैक पेन रहती है और टांगों के निचले भाग में भी दर्द रहता है। इनसे छुटकारा पाने के लिए पीठ पर हलके हाथों से मालिश करवाएं दबवाएं, कुछ बैक स्टेªचिंग व्यायाम करें पर पहले अपने डाक्टर से परामर्श कर लें।
सीने में जलन
पेट में से अम्ल आहार नली में जब वापिस जाता है तो एसिडिटी की शिकायत होती है और सीने में जलन महसूस होती है। इसके लिए थोड़ी-थोड़ी देर में थोड़ा-थोड़ा खाते रहें और अपने डाक्टर से अम्ल रोधी दवा के बारे में जानकारी लें।
मसूड़ों से खून आना
हार्मोनल बदलाव के कारण मसूढ़ों से अक्सर खून आना इस अवस्था में प्रारंभ हो जाता है। इसके लिए दांतों की सफाई पर विशेष ध्यान दें। दिन में दो बार बु्रश से दांत साफ करें और डेन्टल फ्लास का प्रयोग करें ताकि खाना दांतों में जमा न रहे।
स्टेªच मार्क्स
जब भू्रण का विकास होता है तो पेट, हिप्स और जांघों पर लाल लाइनें पड़ जाती है। बाद में उन पर पपड़ी जम जाती है। पपड़ी उतरने के बाद उन स्थानों पर निशान पड़ जाते हैं। डिलीवरी के बाद भीर्य निशान बने रहते हैं। गर्भावस्था के दौरान लाल लाइनें पड़नी प्रारंभ हों तो कोई अच्छी क्रीम या लोशन उन पर लगाएं। इनके प्रयोग से निशान काफी हल्के हो जाएंगे।
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