दिलेर समाचार, नई दिल्ली: आज से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है. हालांकि, पीएम मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों से अपील की कि इस सत्र के समय का सर्वाधिक फायदा उठाया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी सांसद या दल अगर किसी मुद्दे पर चर्चा करना चाहता है तो सरकार उसके लिए हमेशा तैयार है. दरअसल, मॉनसून सत्र कई मायनों में खास है, क्योंकि ऐसे कई विधेयक हैं, जो इस सत्र में पास हो सकते हैं. इसके लिए सरकार ने पहले ही कांग्रेस और अन्य दलों से इन विधेयकों पर समर्थन की अपील की है. तीन तलाक, महिला आरक्षण और हलाला जैसे विधेयक भी इस सत्र में पास हो सकते हैं. मगर कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. तो चलिए जानते हैं कि इस सत्र में कौन-कौन से विधेयक प्रस्तावित हैं और क्या खास है इस मॉनसून सत्र में...
महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर सरकार महिला आरक्षण, एक बार में तीन तलाक और निकाह हलाला संबंधी विधेयकों को संसद से पारित करना चाह रही है. इसके लिए कांग्रेस से समर्थन की भी मांग की हैसरकार के एजेंडे में मेडिकल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक और ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़ा विधेयक भी है. मॉनसून सत्र के दौरान आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2018 भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसमें 12 साल से कम आयु की लड़कियों से बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान किया गया है.
इसके अलावा ये विधेयक भी सरकार के एजेंडे में सूची बद्ध हैं.
मॉनसून सत्र के दौरान चर्चा के लिए नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, महत्वपूर्ण बंदरगाह प्राधिकार विधेयक 2016, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2017, भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक 2013 को भी एजेंडे में रखा गया है.
भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक 19 अगस्त 2013 को राज्यसभा में पेश किया गया था. बाद में इसे प्रवर समिति को भेजा गया जिसने 12 अगस्त 2016 को राज्यसभा में रिपोर्ट पेश की थी. यह विधेयक राज्यसभा में पास होने के बाद लोकसभा में पेश किया जा सकता है. मॉनसून सत्र के दौरान एक महत्वपूर्ण विषय राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव से संबंधित भी है.
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