दिलेर समाचार, आज प्रदोष है। देवों के देव महादेव यूं तो केवल जल चढाने भर से प्रसन्न होकर जातक की मनोच्छा पूरी कर देते हैं लेकिन कोई जातक अगर महीने में दो बार पडने वाले प्रदोष व्रत को पूरी श्रद्धा से करे तो भोलेनाथ उसके सभी मनोकामनाओं को पूरी करने का आशीर्वाद भी देते हैं।ऎसा माना जाता है कि प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृ्त्य करते है। जिनको भगवान श्री भोलेनाथ पर अटूट श्रद्धा विश्वास हो, उन जनों को त्रयोदशी तिथि में पडने वाले प्रदोष व्रत का नियम पूर्वक पालन कर उपवास करना चाहिए। यह व्रत उपवासक को धर्म, मोक्ष से जोडने वाला और अर्थ, काम के बंधनों से मुक्त करने वाला होता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजन किया जाता है। भगवान शिव कि जो आराधना करने वाले व्यक्तियों की गरीबी, मृ्त्यु, दु:ख और ऋणों से मुक्ति मिलती है
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