दिलेर समाचार, नई दिल्ली। खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए. अक्सर कही जाने वाली यह बात चुनावी मौसम में बेमानी हो जाती है. इतिहास तो इसके उलट है और यह बताता है कि खिलाड़ियों का राजनीति से गहरा और पुराना नाता रहा है. राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कीर्ति आजाद और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे खिलाड़ी तो राजनीति में भी अनुभवी हो गए हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव (Lok sabha election 2019) में क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) और वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) जैसे नए नाम भी सामने आ सकते हैं.
ओलंपिक रजत पदक विजेता और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ( Rajyavardhan Singh Rathore) ने कहा, ‘मुझे लगता है कि खिलाड़ियों में देश के लिए कुछ करने की ललक होती है. चाहे वे खेल के मैदान पर हों या राजनीति में. यह भाव उनके भीतर रहता है.’ 16वीं लोकसभा में राठौड़ के अलावा पूर्व क्रिकेटर आजाद (भाजपा से कांग्रेस में आए), पूर्व फुटबाल कप्तान प्रसून बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) और राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज के नारायण सिंह देव (बीजद) सदस्य थे.
डबल ट्रैप निशानेबाज राठौड़ 2017 में देश के पहले ऐसे खेलमंत्री बने जो खिलाड़ी रहे हें. वे सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी हैं. उन्होंने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि खिलाड़ी भी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. खिलाड़ी होने के कारण वे अनुशासित और अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र रहते हैं.’
15वीं लोकसभा में कीर्ति आजाद और नारायण सिंह देव के अलावा पूर्व क्रिकेट कप्तान अजहरुद्दीन (कांग्रेस)और नवजोत सिंह सिद्धू (भाजपा) भी सदस्य थे. अजहर 2014 में भी मुरादाबाद से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए. दूसरी ओर, सिद्धू 2014 में लोकसभा का टिकट नहीं मिलने के बाद राज्यसभा के सदस्य थे. वे राज्यसभा की सदस्यता और भाजपा छोड़कर अब कांग्रेस में आ गए हैं.
इससे पहले 2004 में एथलीट ज्योतिर्मय सिकदर पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से चुनाव जीती थी. पूर्व हॉकी कप्तान असलम शेर खान 1984 में लोकसभा सदस्य थे और 1991 में भी जीते. उसके बाद चार चुनाव हार गए. क्रिकेटर चेतन चौहान 1991 और 1998 में अमरोहा से चुनाव जीते. पूर्व हॉकी कप्तान दिलीप टिर्की ओडिशा से राज्यसभा सदस्य थे. छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम भी राज्यसभा सदस्य रहीं.
इस बार के चुनाव में ऐसी अटकलें हैं कि गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग इस चुनाव में अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कर सकते हैं. वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवा सोलंकी ने भाजपा की सदस्यता ले ली है. वह विवादास्पद कर्णी सेना की महिला शाखा की अध्यक्ष भी रह चुकी है.
पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ 2009 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. मशहूर फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया 2014 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार थे लेकिन हार गए. पूर्व राष्ट्रीय तैराकी चैंपियन और अभिनेत्री नफीसा अली 2004 में कांग्रेस और 2009 में सपा की उम्मीदवार रही लेकिन दोनों बार हार गई.
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