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भगवान विष्णु की पूजा में अनंत सूत्र का क्या है महत्व, क्यों लगाई जाती है इस सूत्र में 14 गांठें

Posted at: Sep 23 , 2018 by Dilersamachar 9974

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: Anant Chaturdashi 2018: भाद्र महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हर साल अनंत चतुर्दशीमनाई जाती है. इस चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत और पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दुख दूर होते हैं. इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है. अनंत चतुर्दशी के दिन 10 दिन से चली आ रही गणेश चतुर्थी का समापन होता है. इस दिन गणपति की प्रतिमा का विसर्जन करना शुभ होता है. अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि में सबसे खास होता है 14 गांठों वाला अनंत सूत्र. 

क्या है अनंत सूत्र?
अनंत सूत्र एक प्रकार का लाल और पीले रंग का धागा होता है, जिसे भगवान विष्णु की पूजा की थाली में रखा जाता है और इसमें 14 गांठे लगाई जाती है. इस सूत्र को महिलाएं दाएं हाथ और पुरुष बाएं हाथ में धारण करते हैं. आजकल यह धागा बाज़ारों में भी उपलब्ध है.

अनंत सूत्र से जुड़ी कथा
मान्यता है कि एक बार कौण्डिल्य ऋृषि की पत्नी ने इस अनंत सूत्र को टोने-टोटके का धागा समझकर जला दिया था. जिसके बाद कौण्डिल्य ऋृषि को बहुत दुखों का सामना करना पड़ा था. अपनी इस भूल का अहसास होने पर कौण्डिल्य ऋृषि की पत्नी ने 14 सालों तक अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा. इसके बाद से ही इस अनंत सूत्र का महत्व बढ़ गया.  
अनंत सूत्र की 14 गांठों का अर्थ
मान्यसता है कि भगवान ने 14 लोक बनाए जिनमें सत्य , तप, जन, मह, स्वंर्ग, भुव:, भू, अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल और पाताल शामिल हैं. इन लोकों की रक्षा करने के लिए श्री हरि विष्णुव ने अलग-अलग 14 अवतार लिये. इसीलिए इस अनंत सूत्र में 14 गांठे लगाई जाती हैं.

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