दिलेर समाचार, आज अलग अंदाज में Google Doodle बनाया है. आज इंडिया के लीजेंड दिलीप सरदेसाई का 78वां जन्मदिन है. गूगल डूडल आज उनका बर्थडे सेलीब्रेट कर रहा है. दिलीप को सबसे शानदार बल्लेबाज माना जाता है. स्पिनर के खिलाफ उनका बल्ला चलता नहीं बल्कि गरजता था. दिलीप सरदेसाई की टीम इंडिया में एंट्री उस वक्त हुई जब वेस्टइंडीज को सबसे खतरनाक टीम माना जाता था. उनके तेज गेंदबाजों का उस वक्त क्रिकेट वर्ल्ड में दबदबा था. दीलीप सरदेसाई ने उस वक्त वेस्टइंडीज में ऐसा इतिहास रचा था कि उनके तेज गेंदबाज भी हैरान रह गए थे. 1971 में दिलीप ने वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हीं की जमीन पर न सिर्फ डबल सेंचुरी लगाई बल्कि मैच भी बचाया था. आइए जानते हैं...
डबल सेंचुरी लगाकर रचा इतिहास
जब वेस्टइंडीज टीम इतनी शानदार फॉर्म में थी और अपने घरेलू मैदान पर खेल रही थी तब टीम इंडिया से जीत की उम्मीद करना अंधेरे में तीर मारने जैसा थी. फिर 6 मार्च 1971 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच हुआ. टॉस हारने के बाद टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 36 रन पर तीन विकेट गवां दिए थे. अब बल्लेबाजी करने दिलीप सरदेसाई मैदान पर उतरे. एक छोर को सरदेसाई संभाले हुए थे, लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते जा रहे थे. 75 रन पर टीम इंडिया के पांच विकेट गिर चुके थे, लेकिन सरदेसाई हार मानने वाले नहीं थे.
चारों तरफ शानदार शॉर्ट्स खेलते हुए सरदेसाई ने सबको हैरान कर दिया था। छठें विकेट के लिए सरदेसाई और एकनाथ सोलकर के बीच 137 रन की साझेदारी हुई. सिर्फ इतना ही नहीं नौवें विकेट के लिए सरदेसाई और इरापल्ली प्रसन्ना के बीच में 122 रन की साझेदारी हुई थी. इस मैच में सरदेसाई ने शानदार खेलते हुए पहली पारी में 212 रन बनाए. यह पहली बार था जब टीम इंडिया की तरफ से किसी खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक ठोंका था. इस टेस्ट मैच को टीम इंडिया ड्रॉ कराने में कामयाब हुई थी और वेस्टइंडीज में पहली डबल सेंचुरी जड़ने वाले वो पहले भारतीय थे. सीरीज के आखिरी यानी पांचवें टेस्ट में सुनील गावस्कर ने 220 रन बनाए थे.
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