दिलेर समाचार, सुन्दर निखरे हुए रंग पर नागिन की तरह काले लम्बे लहराते केश व्यक्तित्व के निखार में चार-चांद लगाते हैं लेकिन यदि किन्हीं कारणों से बाल अधिक झड़ने लगें या छोटी उम्र में ही गंजापन होने लगे तो सौन्दर्य के सारे उपमान मौजूद होने पर भी न केवल आकर्षण समाप्त हो जाता है बल्कि मन में एक हीन भावना भी पनपने लगती है।
आज के समय में स्त्री-पुरूषों के लिए बाल झड़ने से बड़ी समस्या और कोई नहीं। बाल झड़ने लगें तो व्यक्ति पर मानो गाज गिर पड़ती है और दुखी होकर व्यक्ति को जैसा सूझता है, बस उसी पर अमल करने लग जाता है, तरह-तरह के केशवर्द्धक तेलों और लोशनों को आजमाने लगता है लेकिन केश विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे तेलों से फायदा तो होता है किन्तु सिर्फ तभी जब सिर में रूसी आदि की समस्या हो।
बालों का झड़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह एक वास्तविक तथ्य है कि प्रत्येक दिन एक निश्चित संख्या में हमारे बाल झड़ते हैं। इन बालों की कमी तब महसूस नहीं होती जब गिरने वाले बालों के स्थान पर नये बाल निकलते रहें। अधिकांश विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान्यतः प्रतिदिन 50 से 100 बाल झड़ते हैं जो एक गंभीर समस्या नहीं है लेकिन इससे काफी अधिक संख्या में बाल झड़ने लगे तो यह चिंता का विषय बन जाता है।
बालों के झड़ने के कई कारण हो सकते हैं। अधिकांश मामलों में इस समस्या के आधारभूत कारणों का पता नहीं चल पाता, इसी कारण दवाओं के जरिए इसका उपचार नहीं हो पाता। बालों का झड़ना स्थायी या अस्थायी हो सकता है। यह पूरी खोपड़ी को प्रभावित कर सकता है या इसके प्रभाव क्षेत्रा महज कुछ स्थान हो सकते हैं। बालों का अत्यधिक झड़ना किन कारणों से होता है, उन पर एक दृष्टि डालते हैं:-
त महिलाएं उम्र के विभिन्न पड़ावों पर बालों की कमजोरी व झड़ने जैसी समस्या से गुजरती हैं। ऐसा उनके शरीर में होने वाले हार्मोनों के बदलाव से होता है। बच्चे को जन्म देने के कुछ महीने बाद बालों का झड़ना तेजी से होता है। रजोनिवृत्ति या उसके साथ होने वाली अन्य हार्मोन अव्यवस्थाओं से भी यह समस्या गंभीर हो सकती है।
त स्त्रिायों में बालों के झड़ने का सबसे बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी का होना है। आमतौर पर शरीर से 80 से 100 बाल तक रोज झड़ते हैं। शरीर में आयरन की कमी के कारण झड़ते बालों की संख्या इससे काफी अधिक हो जाती है। ऐसे में आयरन के कैप्सूल तथा लौहयुक्त पौष्टिक आहार के सेवन से बाल झड़ने की समस्या से निपटा जा सकता है।
त एंटीबायोटिक दवाओं के नियमित सेवन से भी बाल झड़ने की समस्या पैदा हो जाती है। खासकर हृदय रोग संबंधी दवाएं, गर्भ निरोधक और नींद की गोलियों के अधिक सेवन तथा गठिया से राहत पहुंचाने वाली दवाओं से भी बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं।
त टायफाइड की बीमारी के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। इसके अलावा कई आंतरिक बीमारियां बालों के झड़ने की संमस्या के लिए जिम्मेदार हैं। आंतरिक बीमारियों में हार्मोन संबंधी या ग्रंथीय गड़बड़ के लिए व अन्य समस्याओं के लिए प्रमुख रूप से उत्तरदायी हैं। उदाहरण के लिए अनियमित थायराइड कार्यप्रणाली भी बालों के झड़ने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
त भोजन में हरी सब्जी एवं पोषक तत्वों के अभाव के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। शरीर में रक्त संचरण धीमा पड़ने, सिर में रूसी हो जाने, गर्भनिरोधक गोलियों के प्रयोग करने, अधिक मैथुन या बहुत कम मैथुन करने के कारण उत्पन्न हुई हार्मोनों की गड़बड़ी से, बालों को अधिक खींचना, अधिक तापमान पर ज्यादा समय तक रहना, रोलर्स का नियमित इस्तेमाल आदि ऐसे अनेक कारण होते हैं जिनसे बाल झड़ने लगते हैं।
त शरीर में प्रोटीन की कमी तथा मानसिक तनावों के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। बालों का लगभग 98 प्रतिशत अंश प्रोटीन ही होता है। उदर संबंधी रोगों के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं क्योंकि भोजन ठीक तरह से न पचने के कारण भी बालों को सही पोषण नहीं मिल पाता।
त बालों को झड़ने से बचाने के लिए निम्नांकित उपाय किये जा सकते हैं-
त नीम की निंबोली को पीसकर बालों की जड़ों में लगाते रहने से बालों का झड़ना बहुत हद तक रूक सकता है। जामुन को खाने तथा उसके पेस्ट को बालों में लगाते रहने से भी बालों का झड़ना रूक जाता है।
त पौष्टिक भोजन का सेवन करें। भोजन में फल, दूध एवं हरी शाक सब्जी पर अधिक ध्यान देना चाहिए। आंवला, पालक आदि का प्रयोग करना हितकर होता है। साथ ही काली अरबी के रस की सिर पर मालिश करते रहने से भी बालों का झड़ना रूक जाता है।
त नींबू के रस में आंवला पीसकर उसे बालों की जड़ों में लगाना हितकर होता है। दही में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर बालों को धोते रहने से भी बालों का टूटना या झड़ना बन्द हो जाता है।
त सप्ताह में कम से कम एक बार किसी अच्छे शैम्पू या आंवला, रीठा, शिकाकाई के मिश्रण से बालों को धोना चाहिए। कड़वेे परवल की पत्तियां पीस लें और उसके लेप से बालों की जड़ों की मालिश करें। इससे बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
त मानसिक तनाव से बचे रहकर प्रातः सांय खुली हवा में टहलना और व्यायाम करना लाभदायक होता है। इसके साथ ही दही में नींबू का रस मिलाकर बालों को अच्छी तरह मलकर कुछ देर के बाद धो लेने से बाल मजबूत, काले एवं रेशम के समान चमकीले होते हैं।
त गेहूं के पौधे के रस (गेहूं के जबारों का रस) नित्यप्रति एक कप पीते रहने से बाल नहीं झड़ते हैं।
त बालों को रूखा नहीं रखना चाहिए क्योंकि बालों को रूखा रखने से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं। बालों में तेल लगाकर तेजी से ब्रश करने पर बालों का व्यायाम होता है तथा बाल मजबूत होते हैं।
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