दिलेर समाचार, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को आदेश जारी किए हैं कि वह 29 नवंबर से 2 दिसंबर तक नंदिनी नगर में आयोजित सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में हिमाचल प्रदेश के चयनित पहलवान खिलाड़ियों को खेलने का मौका दे। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि वह हिमाचल में दोफाड़ हुए कुश्ती संघों यानी हिमाचल प्रदेश रेसलिंग एसोसिएशन और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ हिमाचल प्रदेश द्वारा शॉर्टलिस्ट किए खिलाड़ियों को कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर प्रदान करें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया शॉर्टलिस्ट किए खिलाड़ियों की कुश्ती की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के बाद कोर्ट के समक्ष पेश की जाए। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकात और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने हिमाचल प्रदेश रेसलिंग एसोसिएशन व रेसलिंग फेडरेशन ऑफ हिमाचल प्रदेश से पूछा है कि क्यों न स्वतंत्र निर्णायक की मौजूदगी में चुनाव होने तक उनकी अंतरिम मैनेजमेंट बॉडी प्रख्यात खिलाड़ियों की अध्यक्षता में कार्य करे। उनसे यह भी पूछा है कि क्यों न दोनों संघों के पदाधिकारियों के पांच साल तक के विदेशी दौरों व अन्य खर्चो का अकाउंटेंट जनरल ऑफ हिमाचल प्रदेश के ऑफिस से ऑडिट करवाया जाए। मामले पर सुनवाई अब 17 दिसंबर को होगी।
असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल को न्यायालय के आदेश की अनुपालना के लिए केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय को अवगत करवाने के आदेश जारी किए है। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार पांच मई 2018 को सासद वीरेंद्र कश्यप की हिमाचल प्रदेश रेसलिंग एसोसिएशन की मान्यता रद करते हुए कैबिनेट मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह के कुश्ती संघ मान्यता दे दी है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हिमाचल प्रदेश रेसलिंग एसोसिएशन के तीन माह के भीतर चुनाव करने के आदेश भी जारी किए हैं। प्रार्थी कुलदीप राणा, जो वीरेंद्र कश्यप वाले कुश्ती संघ के सचिव हैं, ने याचिका दायर कर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी उपरोक्त आदेश को रद करने की गुहार लगाई है।
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