दिलेर समाचार, भोपाल। मप्र में सरकार शराब मुक्ति अभियान की तरफ जाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ शराब की गुणवत्ता को लेकर भी लगातार नियमों में परिवर्तन किया जा रहा है। अब मप्र में बनने वाली सस्ती विदेशी शराब में रेक्टिफाइड स्प्रिट का उपयोग खत्म करने का फैसला लिया गया है। इससे शराब से बदबू कम आएगी।
आबकारी विभाग ने मप्र विदेशी मदिरा नियम में परिवर्तन कर शराब में रेक्टिफाइड स्प्रिट का प्रावधान खत्म कर दिया है। इन शराब में अब एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल का उपयोग होगा। आबकारी विभाग के उपायुक्त वीके सक्सेना के मुताबिक रेक्टिफाइड स्प्रिट के उपयोग के कारण ही शराब से बदबू ज्यादा आती है। एक्सट्रा न्यूट्रल अल्कोहल रेक्टिफाइल स्प्रिट का परिमार्जित रूप होता है। ज्यादातर महंगी शराबों में इसी का उपयोग किया जाता है। रेक्टिफाइड स्प्रिट में किसी तरह की मिलावट नहीं होने से यह ज्यादा बदबूदार होती थी। हालांकि रेक्टिफाइड स्प्रिट और एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल दोनों में इथाइल अल्कोहल ही होता है। हालांकि देसी शराब में रेक्टिफाइड स्प्रिट का उपयोग होता रहेगा।
सरकार को होगी अतिरिक्त आय
सस्ती विदेशी शराब में एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल के उपयोग के प्रावान से सरकार को अतिरिक्त आय भी होगी। सरकार ने इसकी परमिट फीस में वृद्धि कर दी है। पहले प्रदेश में विदेशी शराब बनाने वाली कंपनी को उसी परिसर में रेक्टिफाइड स्प्रिट के उपयोग पर 50 रुपए प्रति परमिट दिया जाता था। अब राज्य सरकार ने एक्सट्रा न्यूट्रल अल्कोहल पर परमिट फीस बढ़ा दी है, जिससे राज्य सरकार को अतिरिक्त आय होगी।
प्रदेश में रेक्टिफाइड स्प्रिट का उत्पादन
साल कुल उत्पादन (लाख प्रूफ लीटर में)
2012-13 1235
2013-14 1491
2014-15 1939
2015-16 2099
2016-17 (दिसं. 17 तक) 1749
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