दिलेर समाचार, नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज इस साल की तीसरी मौद्रिक नीति (क्रेडिट पॉलिसी) समीक्षा जारी करेगा. आरबीआई ब्याज दरों में बदलाव को लेकर घोषणा करेगा. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू हुई थी. भारत में खुदरा महंगाई दर दोबारा पांच फीसदी के स्तर को पार कर गई है इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में मौद्रिक नीति को लेकर सख्त रवैया अपनाया जा सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू हुई थी. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बीच मुद्रास्फीति के पांच प्रतिशत के दायरे में पहुंचने के जोखिम के बीच केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति और नीतिगत दरों के बारे में अपने निष्कर्ष और निर्णयों की घोषणा आज करेगा.
- नीतिगत दरों पर आरबीआई के संभावित रूख को लेकर विशेषज्ञों की राय बंटी हैं. कुछ का कहना है कि बैंक दरों को वर्तमान स्तर पर बनाए रखेगा जबकि कुछ अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि दरों में एक और वृद्धि किए जाने की संभावना है. वित्त वर्ष 2018-19 की यह तीसरी द्वैमासिक बैठक है.
- मौद्रिक नीति समिति ने जून में हुई पिछली समीक्षा बैठक में मुख्य ब्याज दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था. विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि खरीफ फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करने के सरकार के फैसले से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है.
- इसके साथ साथ कच्चे तेल की कीमतें भी बढ़कर तीन वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी. कच्चे तेल के लिएआयात पर भारी निर्भरता के कारण इससे भी मुद्रास्फीति और चालू खाता घाटा बढ़ने का जोखिम है.
- भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी शोध रिपोर्ट में कहा कि इस बार आरबीआई दरों में वृद्धि की नहीं करेगा. उसका मानना है कि अगस्त में दरों पर फैसला करना बहुत मुश्किल भरा होगा, फिर भी उम्मीद है कि नीतिगत दरों को फिलहाल वर्तमान स्तर पर बनाए रखने का विकल्प ही वेहतर होगा.
- एडलवाइस सिक्योरिटीज ने कहा है, "..हम एमपीसी से दरों में कोई बदलाव किए बिना तटस्थ रुख बनाए रखने की उम्मीद करते हैं.' वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता डीबीएस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि आरबीआई नीतिगत दरों में अगस्त में और बढ़ोतरी कर सकता है. निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक का मानना है कि रिवर्ज बैंक का निर्णय कुछ भी हो सकता है लेकिन अधिक संभावना यह है कि समिति फलहाल दरों को वर्तमान स्तर पर स्थिर रखेगी.
- खुदरा महंगाई इस साल जून में पांच फीसदी तक पहुंच गई, जबकि मई में 4.87 फीसदी थी. हालांकि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में महंगाई दर 4.8-4.9 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था.
- पिछले महीने महंगाई दर में बढ़ोतरी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 75 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो जाने के कारण हुई. जून की मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा था कि महंगाई दर केंद्रीय बैंक के मध्यवर्ती लक्ष्य चार फीसदी से ज्यादा हो गई.
- आरबीआई ने इससे पहले चार मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान रेपो रेट को यथावत छह फीसदी रखा था. मौजूदा हालात में आरबीआई के रवैये को लेकर विश्लेषकों का विभाजित मत है, क्योंकि औद्योगिक उत्पाद वृद्धि दर अप्रैल के 4.9 फीसदी से घट मई में 3.2 फीसदी रह गई है.
- डेल्टा ग्लोबल पार्टनर्स के संस्थापक व प्रमुख साझीदार देवेंद्र नेवगी ने कहा, "आगामी मौद्रिक नीति घोषणा में आरबीआई के रुख को लेकर बाजार में विभाजित मत है, क्योंकि एमपीसी अपने फैसले में महंगाई दर को तवज्जो दे सकती है, जबकि आरबीआई ने यथावत रवैया छोड़कर प्रगतिशील रवैया अपनाया है." उन्होंने कहा, "आरबीआई आंकड़ों को ध्यान में रखेगा और वृद्धि को लेकर सावधानी बरतेगा."
- इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस और मैरिको के अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों की घोषणा 2 अगस्त को की जाएगी. नेस्ले इंडिया और टाइटन कंपनी अपनी अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों की घोषणा 3 अगस्त को करेंगी.
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