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एक महीने में 'लव जिहाद' कानून के शिकार हुए 35 लोग

Posted at: Dec 28 , 2020 by Dilersamachar 9713

दिलेर समाचार, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में लगभग एक महीने पहले 'लव जिहाद' (Love Jihad) को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकार ने कानून लागू कर दिया. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद पूरे प्रदेश में धर्मांतरण रोधी अध्यादेश (Conversion ordinance) के लागू होते ही सबसे पहले बरेली में गिरफ्तारी हुई. इसके बाद तो मानों ऐसे मुकदमों की झड़ी लग गई. एटा, ग्रेटर नोएडा, सीतापुर, शाहजहांपुर, आजमगढ़ जैसे कई जिलों में इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई की. लखनऊ में अंतर-धार्मिक विवाह (Inter-Religious Marriage) रुकवाने तक की खबरें आईं. कानून के तहत औसतन हर रोज एक से अधिक लोगों की गिरफ़्तारी हुई है और अब तक 35 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश-2020’ को 27 नवंबर को राज्‍यपाल की मंजूरी मिलने के बाद से पुलिस ने एक दर्जन से ज्‍यादा मुकदमे दर्ज करते हुए राज्‍य में करीब 35 लोगों को गिरफ्तार किया है. आधिकारिक बयान के अनुसार प्रदेश के एटा से आठ, सीतापुर से सात, ग्रेटर नोएडा से चार, शाहजहांपुर और आजमगढ़ से तीन-तीन, मुरादाबाद, मुज़फ़्फरनगर, बिजनौर एवं कन्नौज से दो-दो तथा बरेली और हरदोई से एक-एक गिरफ्तारी हुई है. यूपी में लागू हुए इस कानून के बाद देश के अन्य राज्यों में भी 'लव जिहाद' को लेकर कानून बनाने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

अध्‍यादेश के लागू होने के ठीक एक दिन बाद बरेली के देवरनिया थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया गया. इसमें लड़की के पिता शरीफनगर गांव निवासी टीकाराम राठौर ने शिकायत की कि उवैश अहमद (22) ने उनकी बेटी से दोस्‍ती करने का प्रयास किया और धर्म परिवर्तन के लिए जबरन दबाव बनाया तथा लालच देने की कोशिश की. बरेली की देवरनिया पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद 3 दिसंबर को उवैश अहमद को गिरफ्तार कर लिया. इसी प्रकार लखनऊ पुलिस ने राजधानी में एक विवाह समारोह रोक दिया. मुज़फ़्फरनगर जिले में नदीम नामक व्यक्ति और उसके साथी को 6 दिसंबर को एक विवाहित हिंदू महिला को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय ने इस मामले में यूपी पुलिस को कोई कठोर कार्रवाई न करने का निर्देश दिया. मुरादाबाद में धर्मांतरण रोधी अध्यादेश के तहत गिरफ्तार किए गए दो भाइयों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने रिहा कर दिया.

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