दिलेर समाचार, मुजफ्फरनगर. जिला प्रशासन द्वारा इस बार कांवड़ यात्रा पर एक नया आदेश जारी किया गया है, जिससे सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया हैं. इस बार कांवड़ यात्रा में खानपान की दुकान, होटल, ढाबे, ठेले आदि जहां से भी शिवभक्त खाद्य सामग्री खरीद सकते हो उन सभी को निर्देशित किया गया है कि वह अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वाले के नाम को जरूर लिखें. जिससे कि कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन ना हो. प्रशासन के इस आदेश का असर अब धरातल पर भी दिखाई देने लगा है.फलों का ठेला लगाने वाले अब अपने ठेलों पर अपने अपने नाम के पोस्टर भी लगाए हुए दिखाई दे रहे है.
पुलिस फरमान के बाद मुजफ्फरनगर में दुकान के नाम भी बदलने शुरू हो गए हैं. जनपद मुजफ्फरनगर के खतौली बाईपास पर मौजूद एक चाय की दुकान का नाम पहले चाय लवर पॉइंट हुआ करता था. मगर उसके प्रोपराइटर का नाम फहीम हैं. ऐसे में अब चाय लवर पॉइंट की जगह दुकान का नाम बदलकर वकील अहमद टी स्टॉल कर दिया गया है. इस बारे में जब फहीम नाम के इस दुकानदार से बात की तो उन्होंने बताया कि पुलिस उनके पास आई थी. पुलिस ने नाम बदलने को कहा तो उन्होंने नाम बदल लिया.
मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों को दुकान पर अपने नेम प्लेट लगाने के फरमान के बाद तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं और नई-नई चीज सामने आ रही है. ऐसे में मुजफ्फरनगर के खतौली बाईपास पर स्थित एक साक्षी ढाबा नाम के ढाबे पर काम कर रहे चार मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है. मुस्लिम कर्मचारियों को ढाबे से क्यों हटाया गया, जब इस बारे में जानने के लिए हमने ढाबे के मालिक से बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन के लोग आए थे. जिन्होंने मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की बात कही. जिसके बाद उन्होंने उन चार मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया है, जिसमें से दो मुस्लिम ढाबे पर कारीगर थे एवं दो मुस्लिम कर्मचारी अन्य काम करते थे. ढाबे के मालिक का कहना है कि मुस्लिम कर्मचारियों को हटवाना ठीक नहीं है. मगर दुकानों पर प्रोपराइटर का नाम लिखा जाना सही है. क्योंकि कावड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त फिर अपनी मर्जी से जहां चाहें वहां खाएं.
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