दिलेर समाचार, वाराणसी. यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर केस को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया. चार महिलाएं अपनी याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचीं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग की है कि, बनारस के ज्ञानवापी परिसर से जुड़े 15 मुकदमों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किया जाए. इसके साथ ही याचिकाकर्ता महिलाएं ज्ञानवापी में दर्शन और पूजा का अधिकार मांग रही हैं.
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर से जुड़े तकरीबन 15 केस जिला अदालत और सिविल जज की अदालत में लंबित हैं. इसमें जिला अदालत में 9 और सिविल जज की अदालत में 6 मामले लंबित हैं. उन्हीं मुकदमों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की गई है. जिससे की सभी मुकदमें एक ही जगह एक साथ चलें. महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि इन मामलों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया जाना चाहिए. इसके साथ ही अन्य मांगें भी की गई हैं.
ज्ञानवापी परिसर में दर्शन, पूजन से जुड़े मामले वाराणसी की निचली अदालत में लंबित हैं. विवादित परिसर में विश्वेश्वर का मूल मंदिर होने का दावा करने किया गया था. इससे जुड़े 15 मुकदमे बनारस की निचली अदालत में लंबित हैं. याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी और तीन अन्य महिलाओं ने वकील विष्णु शंकर जैन के जरिये अर्जी दाखिल कर कहा है कि सिविल जज सीनियर डिवीजन और जिला जज की अदालत में लंबित मुकदमों में कानून के महत्वपूर्ण सवाल शामिल हैं, जिसे सिर्फ बड़ी अदालत को ही तय करना चाहिए.
अक्टूबर साल 1991 में, स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर और पांच अन्य की ओर से वाराणसी सिविल जज के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें निकटवर्ती काशी विश्वनाथ मंदिर में ज्ञानवापीलैंड की बहाली की मांग की गई थी. याचिका में परिसर से मुसलमानों को हटाने और मस्जिद को ध्वस्त करने की मांग की गई थी. इसके बाद से लगातार विवाद चल रहा है. अलग-अलग केस दर्ज किये जा चुके हैं.
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